लिखिए अपनी भाषा में

Wednesday, August 25, 2021

यूहीं

सचमुच यार.... जब से ये गूगल पर बोल के लिखने वाली प्रथा प्रारंभ हुई है..... लोग अपनी अपनी आलतू-फालतू अरकसबथुआ भंडास यहीं निकालने लगे हैं.... टाइप करने में मेहनत लगती थी, हिज्जे की मात्राओं की गलतियां होती थीं, इन सबसे मुक्ति मिल गई है.... जो मन में हो उगल डालो यहीं पर 😡😡
अब फिर से ब्लॉग की तरफ मन खिंच रहा है.....पांच सालों से बंद पड़े ब्लॉग के दरवाजे खोले हैं कुछ दिनों पहले.... झाड़ पोंछ साफ सफाई की है, अब फिर से सक्रिय होने का मन है....फेसबुक पर जी ऊब सा रहा है 😔😔😖😖😖

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