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Thursday, February 24, 2022

सच

दुनिया को ढेर सारे अंतर्दृष्टिपूर्ण उद्धरण देने वाले सत्रहवीं सदी के मशहूर निबंधकार फ्रांसिस बेकन ने अपने लेख 'ऑन रीडिंग' में लिखा है- 'कुछ किताबें बस चखने के लिए होती हैं, कुछ भकोस जाने के लिए, लेकिन बहुत कम किताबें चबा-चबा कर पचाने के लिए होती हैं।' 
किताबों की एक और क़िस्म होती है जिनके बारे में लेकिन बेकन ने नहीं लिखा। ये वे किताबें होती हैं जिन्हें घूंट-घूंट पिया जाना चाहिए- उनका पूरा रस लेते हुए, उनके नशे में डूबते हुए और उनके साथ खुद को कुछ ‌बदलते हुए। 

Friday, February 18, 2022

सपने

मेरे बहुत सारे सपनो में से एक घर के एक कमरे को रंग बिरंगे कलर्स और ईजल्स  के साथ पेंटिंग स्टूडियो और ढेर सारी किताबों से भरी लाइब्रेरी बनाना भी था...काश  ये सपना  पूरा हो पाता..... बार बार नींद ही खुल जाती है..... सपना पूरा कैसे हो?? 😔😔😔😔😔कितना अजीब है..ना जाने क्यों हर एक की जिंदगी में शौक के कुछ अधूरे किस्से जरूर होते हैं।ऐसी कितनी ही ख्वाहिशें हैं जो 'बाद में पूरी कर लेंगे' के लिए रह गईं। डांस, गाना, पेंटिंग, और भी बहुत कुछ.... मेरी ये भी एक तमन्ना है कि   मिस्र की वादियों में घूमने जाऊँ❤️
सोचती हूँ.. सपने कभी पुराने नहीं पड़ने चाहिए जब मौका मिले पूरा कर लेना चाहिए....