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Tuesday, September 6, 2022

टीचर्स डे (5-9-22)

अब बच्चों को भनक लग गई है कि इस महीने  मेरा  रिटायर मेंट  है। कल टीचर्स डे  बीत गया.......आज सुबह  स्कूल जाते वक्त पर्स में से ये कुछ कार्ड निकाल रही थी और पढ़ कर भावुक हो रही थी।  दो तीन ही दिन में इतने बच्चों ने इतने कार्ड और चिट्ठियां दे दी हैं  कि विश्वास नहीं होता..... सुबह सुबह कार्ड में बच्चों की मासूमियत देखी तो मन भर आया।अब मुझे किसी भी तरह के सर्टिफिकेट और ईनाम की जरूरत नहीं!!! बाकी का जीवन इन प्यारे छोटे बच्चों के स्नेह की जुगाली करते बीत जाएगा.... 
एक अध्यापक का शायद यही प्राप्य होता है कि उसे सरकार सम्मानित करे या न करे, उनके विद्यार्थी अपने अध्यापक से जुड़ जाएं और उनके जाने पर उन्हें पीड़ा हो। 

Saturday, September 3, 2022

मोहभंग

ताज्जुब है ....मोहभंग होने में इतने साल लग गए ???..जानती हूँ ये एक दिन होना ही था......पर वक़्त और अवसर दोनों सही नहीं थे.......खैर !!!!!......पता नहीं अभी कितना  जीवन शेष है....... पर जो भी हुआ....व्यथित करने के लिए काफी है........चोट  लगते ही  घाव भरने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है.......पर कुछ जख्म कभी नहीं भरते.....पपड़ी  सूख जाने पर भी अंदर से वो ताज़े बने रहते हैं......ये भी एक ऐसा ही जख्म  है........