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Saturday, September 3, 2022

मोहभंग

ताज्जुब है ....मोहभंग होने में इतने साल लग गए ???..जानती हूँ ये एक दिन होना ही था......पर वक़्त और अवसर दोनों सही नहीं थे.......खैर !!!!!......पता नहीं अभी कितना  जीवन शेष है....... पर जो भी हुआ....व्यथित करने के लिए काफी है........चोट  लगते ही  घाव भरने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है.......पर कुछ जख्म कभी नहीं भरते.....पपड़ी  सूख जाने पर भी अंदर से वो ताज़े बने रहते हैं......ये भी एक ऐसा ही जख्म  है........

1 comment:

  1. सही कहा है मैम👏👏👌🏻

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