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Wednesday, September 30, 2020

एक पुरानी याद

सामने की सीट पर एक फेमिली है पांच छः लोगों की.... मुंबई जा  रहे हैं.... अभी करीब एक घंटे तक टीसी से बकझक  हुई है 😠😠 सारे अगल  बगल के लोग सकते में आ गये हैं उस महिला का रौद्र रुप देख कर..... गर्मी और उमस से पहले ही सब चिढ़ हुए हैं...... वो बार बार अपनी बेटी से अपने किसी ज़फ़र मामू को फोन लगाने को कह रही है जो शायद रेल्वे की किसी बड़ी पोस्ट पर हैं.... यदि उस महिला का रुआब  देखा जाय तो शायद सुरेश प्रभु से एक दो सीढ़ी ही नीचे होंगे......😁😁😁😁😁 पर उस टीसी पर कोई असर नहीं पड़ रहा है...... वो पूरा वसूलने के मूड में है....... परिवार का सबसे छोटा बच्चा जमीन पर बैठ गया है और नीचे पडे जूते चप्पलों में व्यस्त है..... पर किसी को भी  उसकी  फिक्र नहीं  है.... क ई बार जी में आया कि उसकी  मां को कहूं कि उसे उठा ले......पर... बस खिड़की की तरफ मुंह घुमा के बैठ गई हूं...... किसी से बात करने को जी नहीं  चाह रहा😕😕😕😕

Sunday, September 27, 2020

थैंक्यू सो मच

कल मेरे जन्मदिन पर आप सभी का बहुत सारा स्नेह, प्यार, और आशीर्वाद मिला उसके लिए आप सभी का तहेदिल से शुक्रिया और आभार 😊❤️❤️

अभी तक मुझे बधाइयां मिल रही हैं ये आप लोगों का अपनापन है।

मुझसे जितना हो सका है.... मैंने सभी के मैसज का रिप्लाई देने की कोशिश की है..... अगर किसी का रिप्लाई नहीं दे पाई हूँ तो क्षमा चाहती हूँ.... क्योंकि यहाँ का नेटवर्क प्रायः मरणासन्न स्थिति में होता है....और आजकल मौसम, बारिश की वजह से और भी हालत खराब है....इधर उधर से उधार मांग मांग कर काम चलाया जाता है....खैर🙏🙏🙏

एक बार पुनः आप सभी का शुक्रिया ❤️🤗😊😊😊😊😊😊

Saturday, September 26, 2020

दिनचर्या

सावन मोट का भादों पातर...सब दिन एक समान है आजकल......
सबेरे 9से दस के बीच सो के उठे.... .थाइराइड की गोली और तीन कली लहसुन निगले.. फिर एक गिलास गर्म पानी में नींबू निचोड कर शहद मिलाकर पिये.... . छः आठ चीज मिला के काढा पकाए..... जब तक ऊ पके.....खांची भर बरतन मांजे... झाडू सफाई किए..... खाना का तैयारी किए.... तब तक 12 बज गया ..पतिदेव उठ गए... ऊ च्यवनप्राश खाए.... दो तीन गिलास पानी और सत्तू का शर्बत घोल के पिए.... फिर दूनो जन काढा बनाम चाय पिए.... नेनुआ आलू टमाटर की सब्जी छौंक के  दोनो जने के लिए नींबू पानी बनाए..... नहाने गए.... . नहाये...पूजा किए.... आंवला का मुरब्बा और नींबू पानी पिए....... भात बनाए..... एक घंटा मोबाइल ले के बैठे..... चार बजे भात   सब्जी....खुद खाये.... पतिदेव को खिलाये...।
एतना करने के बाद शाम मे दो घंटे चद्दर तान के सोये..☺
शाम सात बजे फिर वही काढ़ा कांड हुआ...बच्चों का अगले दिन का वीडियो और पढाई का होमवर्क तैयार किए....
आटा साने, तरकारी छौंके,रोटी बनाए, हल्दी दूध बनाए. खाए पीए..... झौवा भर बर्तन मांजे ...थोड़ी देर बच्चों से बात हुई..... फिर कान में ठेपी लगा के फोन मे घुस गए 😖😖😖 नींद के इंतजार में.. बस्सस....

कौन सा हमको कहीं का  न्योता मिला था जौन रोज करते थे आजो किये☺😏😏

प्यारे शांतनु के लिए 😍😍

प्यारे ईशू
हम सबके लाडले😍😍😍😍
बचपन जीवन का सबसे अच्छा समय होता है। इस दौरान बच्चों के मन में खुशी के साथ अलग ही उत्साह रहता है। बात अगर खुद के जन्मदिन की हो तो कहना ही क्या।
अब धीरे धीरे बचपन तुम्हारा साथ छोड़ रहा है.... और किशोरावस्था शुरू हो रही है.... ये ऐसी उम्र है बेटा जब सिर्फ अपनी ही कही और सोची हुई बातें  ही सही लगती हैं.... और बड़े लोगों का कुछ कहना या समझाना दखलंदाजी महसूस होता है... जब कि ये सही नहीं है.....सभी बड़े और अपने लोग सिर्फ तुम्हारा भला ही चाहते हैं बेटा..... ये कभी नहीं भूलना.... मैं जब भी तुम जैसे प्यारे बच्चे से मिलती हूं, तो मुझे लगता है कि तुम भविष्य में जरूर कोई न कोई महान काम करोगे। तुम्हारा जन्म इस सुंदर दुनिया में और ज्यादा रोशनी फैलाने के लिए हुआ है। भगवान् करें कि तुम्हारी सभी मनोकामनाएं पूरी हों।अपने सपनों के प्रति हमेशा आत्मविश्वास बनाए रखना, वो एक दिन जरूर पूरे होंगे।
दादा जी तुमको अपनी लालटेन कहते थे, तुमको याद होगा.....उनकी इस बात को हमेशा याद रखना 😍😍😍😍
बहुत सी जिम्मेदारियां हैं तुम पर भी....कोशिश करना कि इनसे कभी विमुख नहीं होना है.....पढाई - लिखाई जैसी बातें तो सभी समझाते हैं..... और तुम इतनी ब्रिलिएंट और पढाई लिखाई में सजग, होशियार और जागरूक बहनों के भाई हो..... तो उनसे कम नहीं रहना है... ये तय कर लो.... सभी का पढाई का स्तर एक सा नहीं होता ये तो सही है....बेटू दीदी और बाबू भइया भी स्टडीज में बहुत टॉपर नहीं थे, पर अन्य अनेकों स्पर्धाओं में उन्होंने खूब भाग लिया है और नाम भी कमाया है......और वो जिस भी फील्ड में हैं, बहुत अच्छा कर रहे हैं, मैं पूरी तरह संतुष्ट हूँ उनसे.....हम लोग साधारण लोग हैं बेटा... और साधारण लोग ही संतुष्ट रह सकते हैं.... अच्छे से अच्छा करने का प्रयास करना चाहिए पर बहुत अधिक लालसा नहीं रखनी चाहिए....पापा मम्मी को खुश रखो... बहनों के साथ खूब स्नेह  रखो और हम सबका, सभी बड़ों का आदर बनाए रखो.... इतनी ही उम्मीद है....😍😍😍😍😍
दुनिया के सबसे अच्छे बच्चों में से एक मेरे प्यारे ईशू को जन्मदिन मुबारक हो। ईश्वर तुम्हारे जीवन को खूब खूब सुंदर बनाए।
ढेर सारे प्यार के साथ
बुआ जी

Monday, September 21, 2020

आती हूँ....

बनारस ही तो हमारा प्यारा घर है.... जो हम पीछे छोड़ आए हैं..... यही भाई हैं जो आने वाली अनेकों राखियों पर भी हमारा इंतजार करेंगे।
😟इस बार राखी भी ऑनलाइन पंहुची होगी..... उसमें साल में एक बार ही सही ये लिखने का मौका नहीं मिला.....
"प्रिय पप्पू, रंजन
शुभ राखियाँ भेज रही हूँ, डुग्गू से बंधवा लेना....
शेष शुभ
दीदी
.
राखी हल्दी कुमकुम सब पहुँच गया ।बस हम नहीं पंहुच पाए ।न मिठाई के लिए कोई झगड़ा रहा... न नेग की मारा मारी😟माहौल तो इसी से बनता है कि बताओ कितना पैसा मिलेगा, और क्या मिलेगा? (वैसे जीवन में मैं कभी इस बात के लिए नहीं लड़ पाई)
पहले मम्मी इस चुहल में मुस्करा के हिस्सा लेती थी और पैसे भी वही देती थीं....
😖😖😖😖
घर हमेशा आने वालों की प्रतीक्षा करता रहता है...... पता नही मेरा प्यारा घर अब मेरी  राह देखता होगा या नहीं 😖😖।भाभी की रसोई में खूब कढ़ी, भुजिया, पूड़ी, कुम्हडे, कटहल की तरकारी की खुशबू फैलती होगी.... बस हम ही नहीं पंहुच पाते....

अब तो बस ये सपना ही देख सकते हैं... काश कि अचानक हमें  लेकर कोई रिक्शा वाला गेट पर रुकता और गेट पर खड़ी मम्मी दिख जातीं..... हमेशा की तरह, छोटा भाई फटाफट अटैची और बैग उतार लेता रिक्शा से....... भाई, भाभी, बच्चे सब दौड़ कर आ जाते....... सबके चेहरों पर खुशी दिखाई देती....सिर्फ हमारे पंहुचने से ही चहलपहल मच जाती.....

बस वहीं खड़े रहना सब लोग....  हम आ रहे हैं........

Sunday, September 20, 2020

एक याद

बहुत याद आता है.... चिलचिलाती दोपहर में पोस्टमैन के आने पर, अलसाते, गुस्साते हुए जाकर.... तप रहा मेन गेट खोलना और किसी जगह दस्तखत करने हों तो उस समय मेज पर, आलमारी में, फ्रिज पर हर जगह तलाश करने पर कलम का न मिलना, और कोई कलम  भाग्य से मिल भी गई तो उसमें इंक नहीं होना, और बॉलपेन या डॉटपेन का कोशिश करके भी न चलना.... और इन सब सरंजाम के बीच पापा जी का हम सब पर लानत भेजते हुए नाराजगी जाहिर करना... "कि ये सब पढ़ने - लिखने वालों का घर है.... मौके पर एक कलम नहीं मिल सकती 😡😡" (सच में उस वक्त सारी कलमें साजिश करके गायब ही हो जाती थीं, मजाल थी कि कोई मिल जाय😏😏😏)

Saturday, September 19, 2020

बस्स यूं ही

भगवान् सब पर कृपा दृष्टि बनाए रखें 🙏🙏इधर कुछ समय से रातोंदिन झूठी, मक्कारी भरी, फरेबी बातें सुनते सुनते जी इतना उचाट हो गया है कि क्या कहें......मन बहुत कच्चा सा है इन दिनों.... न चाहते हुए भी कहीं से कहीं पंहुच जाता है...हर बात पर जी भर आता है जैसे.....
हर बात जैसे जख्म पर से पपड़ियाँ नोच दे रही है  😢😢😢😢
ऐसा समय हो गया है कि बस अब दिलासा देने वाली बातें ही अच्छी लगती हैं.... अब इस पर नहीं जाना चाहिए कि ये झूठ है गप्प है.... बस जो थोड़ा सुकून दे...ढाढस बंधाए... मन बस वही सुनना चाहता है....

Monday, September 14, 2020

एक याद🤔🤔


              

              कई साल पुरानी एक घटना याद आरही है..शायद २००० या २००१ की ...लखनऊ से .गोरखपुर ..आने वाली रेलगाड़ियों के यात्रियों  के बारे में .कुछ फेसबुक मित्रों की प्रतिक्रिया पढ़ी  ....हम  लोग  बराबर  उसी   लाइन  से आने जाने  वाले  हैं...लखनऊ  से मनकापुर  करीब  तीन  से चार  घंटों  का  सफर  है.....पर  ये हिंदी  का  सुहाना सफर  नहीं  अंग्रेजी  का  सफर  ज्यादा है.....ज्यादा तर  लगभग  75% ग्रामीण  यात्रियों  से भरी  हुई ....पूर्वांचल  या बिहार  के यात्री .....सर्दियों के मौसम की वो चार घंटे की यात्रा तो जैसे तैसे काट ली  जाती है...पर भयंकर गर्मी के मौसम में वो समय बिता पाना ....उफ्फ्फ.. वो एक भुक्त भोगी ही बता सकता है........तो किस्सा  कोताह ये है....कि उस साल की भयंकर गर्मी में हम सब लखनऊ से वापस मनकापुर लौट रहे थे.... ..अब चार घंटे के सफर के लिए कोई रिजर्वेशन तो कराता नहीं....बस जहाँ तहाँ  सब बैठ जाते हैं....ऐसे ही हम सब भी चढ़ लिए.......चिपचिपी  बदबूदार गर्मी ....उसमे ऊपर की बर्थ पर बैठे एक सज्जन......अपना एक रुमाल सीट पर बिछा कर नीचे उतरे..और प्लेटफॉर्म पर जा कर दो तीन बड़े बड़े लिफाफों में आम और केले लेकर वहीँ टहलने लगे ...शायद इस इंतज़ार में कि  ट्रेन जब चलने ही वाली हो तो चढ़ जाएँ.....और जब ट्रेन चली तो लपक कर चढ़ लिए......किसी तरह मुश्किल से अंदर जब अपनी सीट तक पंहुचे  तो उन्होंने पाया कि....कोई उनकी जगह  बैठ चुका है.......बड़े ही चिढ़े हुए अंदाज में उनका गुस्सा देखने लायक था.....बार बार उनका  कहना याद आता है ..ईहां  दस्ती धइल  रहल ह..... .हम दस्ती ध के गइल रहलीं हं...का भइल ऊ??? (दस्ती बिहार में रुमाल को कहा जाता है ).मतलब यहाँ रूमाल रखा था..... हम रुमाल रख के गए थे....वो क्या हुआ ???........अगल बगल के सब लोग उनकी तरफ आकृष्ट हो गए.....उसी में से किसी ने चुटकी  लेते हुए कहा.......अरे दस्तिये नु रहल ह.....के कवनो सीव जी के धनुख रहल ह ..के राम जी अईहें   त   उठैइहैं  (अरे रुमाल ही तो था न कि कोई शिव जी का धनुष था कि राम जी आएंगे तो वही उठाएंगे ??)....उनका इतना कहना था कि आसपास जो हंसी का फौहारा छूटा  कि आज भी याद करने पर बरबस हंसी आ ही जाती है.....और जिस किसी को भी ये घटना बताते हैं सब हँसते हँसते लोट पोट हो जाते हैं.......क्या हाजिर जवाबी थी.....

Sunday, September 13, 2020

प्यारी डुग्गू के लिए 😍😍

प्रिय डुग्गू,
आज तुम्हारा जन्मदिन है ।बहुत बहुत बधाई हो ।हम सब साथ रहकर भले ही तुम्हारा जन्मदिन नहीं मना पा रहे हैं ......फिर भी यह  बहुत सुंदर दिन है और उत्सव की ही तरह मनेगा..... खूब खुश रहो.....सबके आशीर्वाद, बेहिसाब प्यार और आशीष के  में रंगी रहो.... सिर्फ आज का दिन ही नहीं तुम्हारे जीवन का हर दिन एक खूबसूरत महोत्सव जैसा हो...हमारा आशीष है.... जीवन खुशियों का वरदान है बेटा.... सब कुछ अच्छा ही होगा..... . बस सकारात्मकता कभी मत छोड़ना....जितना ही अच्छा - अच्छा सोचोगी, उतना ही अच्छा होगा....शुभ - शुभ होगा.....
हम सबको हक है खुश होने का..... पर कुछ अस्वाभाविक और तोड़ देने वाली समस्याएँ दिक्कतें जब तक अच्छी तरह हल नहीं हो जातीं.... शायद हम चाहकर भी ठीक से खुश नहीं हो पा रहे हैं ....आज तुम्हारे जन्मदिन पर तुम्हारी आंखों में वहीं सपना उपहार स्वरूप देखना चाहती हूँ ...जो कभी  मैं स्वयं जिंदगी में देखा था और एक समय वो तुम्हारे दादा जी का भी सपना रहा है...उम्मीद है तुम उसे जरूर पूरा करोगी... आमीन 🙏🙏.तुम इतनी ही समझदार, सबकी दुलारी और मस्त और जीवंत बनी रहो ।जीवन एक संघर्ष का मैदान है, बेटा.... डटी रहोगी तो जरूर तुम्हारी ही जय होगी... दिन कोई भी हो तुम्हारा ही होगा .... अपना ख्याल रखना ।
       सबसे बड़ी होने के कारण  सबसे ज्यादा जिम्मेदारी तुम्हारी ही बनती है... पापा - मम्मी  का खूब ध्यान रखो....इतने अच्छे मम्मी पापा मिले हैं तुमको, इतना प्यार करने वाले, बिना शो अॉफ के सीधा सादा जीवन बिताने वाले, ये भगवान् की ही कृपा है....इधर जो कुछ कठिन समय आया है उसका एक सफल और सकारात्मक पक्ष ये रहा कि हम सब काफी घनिष्ठ हुए हैं....एक दूसरे के कष्ट, चिंताओं और परेशानियों में शामिल हुए....ये घनिष्ठता बनी रहनी चाहिए बेटा हमेशा और हमेशा.....
         मेरी बुआ जी लोग तो कभी इतनी अंतरंग नहीं रहीं मुझसे.....पर उस समय की परिस्थितियां अलग थीं....या शायद हम लोग खुद इतने सहज नहीं थे...उनके साथ...पर मैं ऐसा  चाहती हूँ.... कि हम सब कभी असहज महसूस न करें......
बाबू भइया, बेटू दीदी , फूफा जी सभी बहुत प्यार करते हैं और मानते हैं तुम सबको..... सबके साथ हमेशा
खूब प्यार बनाए रखना
😍😍😍😍😍
बहुत बहुत सारे प्यार के साथ
..
बुआ जी 😍😍😍

Monday, September 7, 2020

पिछले साल...

वैसे तो कल से ही टीचर्स डे का माहौल बना हुआ है और आज भी सुबह से ही हम लोग इस रंग में रंगे हैं इतनी शुभकामनाएं इतना प्यार...... अच्छा और पॉजिटिव सा महसूस होता है.... रोज रोज के उसी रूटीन से थोड़ा चेंज.... अच्छे से तैयार होकर सब टीचर्स का आना ( क्षमा करें 🙏🙏🙏इसमें जेन्ट्स टीचर शामिल नहीं हैं...... क्यों कि वो लोग उसी "वैराइटी हीन" पोशाक में आते हैं जाहिर है उनके पास कोई च्वाइस नहीं होती 😂😂😃और फिर उनकी तरफ ध्यान ही कौन देता है😂😂😂😂😂😂😂😂) छोटे छोटे बच्चों द्वारा ग्रीटिंग कार्ड्स फूल  और छोटे छोटे गिफ्ट्स दिया जाना.....फिर चाय नाश्ते के बाद ढेरों सेल्फी और फोटो सेशन के उपरान्त प्रिंसिपल फादर के हाथों बढिया सा गिफ़्ट लेकर वापस आना....... एक ऊर्जा का संचार करता है...... 😊😊😊😊😊😊
इन सबके बीच मुझे आज अपनी एक पेंटिंग स्टूडेंट Soni Chaudhary....का बेहद आत्मीय मैसेज वाट्स एप पर मिला....... जिसने मेरा दिन सार्थक कर दिया है....
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Happy teachers day aunty
U r not only teacher but a good motivator , guide and councilor
I have met a lot of teacher
But u r spl
U not only teach subject
But fill a great enthusiasm in my life.
Agar Mai kahu apsey Miley k bad Mera life ko le k vision change ho gaya to wo galat nai hoga🌹
Ma'am I have learned a lot from you.apki bat ko samjhaney ka way
Acha guidance Dena apko keval ek perfect teacher nai ek perfect person bhi banata Hai Jo apney student k life se
Sub problem ko Kum ker aage challenges k liye ready karta hai.....

Thank you so much for part of my life🌹
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थैंक्यू सो मच  बेटा 😊😊😊ये बहुत ही अच्छा लगा जानकर ... कि मेरी कुछ साधारण सी बातों को तुमने इतना महत्वपूर्ण समझा....जो तुमको प्रेरणास्पद लगती हैं...एक टीचर की सबसे बड़ी सफलता है.. 😊😊😊😊😊

यादें..

क्लास 6-7 की बात है हमारे स्कूल मे एक "शरद श्रीवास्तव" दीदी (तब हम लोग लेडी टीचर्स को दीदी ही कहते थे) आईं थीं, अपनी तिरछी मांग, और माथे पर गिरते बालों को चिपका कर कानों को ढंकते हुए बालों की लंबी चोटी,सुंदर और  कुछ कुछ लीना चंदावरकर से मिलती जुलती शख्सियत की दुबली पतली सुंदर सी वो अध्यापिका मुझे और मेरी परम सहेली Rashmi Asthana को पहले दिन ही इतनी भा गईं कि हम प्राणपण से उनकी कृपा दृष्टि के लालायित हो उठे थे.... उनका हर कार्य करने को इच्छुक 😊😊😊 उन्होंने सिर्फ कुछ दिनों के लिए ही ज्वॉइन किया था पर इस बीच में ही हम उनके घर तक जा पंहुचे थे.... और आज भी वो मेरी यादों में शामिल हैं 😊😊😊😊😊

आइना

क्या हुआ??
ऐसे क्यों बोल रही हो??
सो रही हो क्या???
"तुम्हारी आवाज़ ठीक नहीं लग रही, तबियत सही नहीं क्या ? "
"नहीं नहीं बेटा... हम बिलकुल ठीक हैं "
"आवाज़ से तो नहीं लग रहा कि ठीक हो...आराम करो मम्मी और अपना ध्यान रखो "
कुछ दिक्कत लग रही हो तो फोन कर लो डॉक्टर साहब को.... दवा मंगा लो न.....
.......
दो तीन दिन बाद....
🤔🤔🤔🤔

"कैसी हो? "
"अभी भी पूरी तरह ठीक नहीं हैं बेटा... सुस्ती सी है...(चाहती हूँ कोई दुलार से ढाढस दे...करीब होने का एहसास दिलाए)
..
"आवाज़ से तो अब बिल्कुल ठीक लग रही हो, ज्यादा चिंता मत करो..ज्यादा सोचा मत करो.... बेकार की टेंशन लेती रहती हो.... अब तो ठीक हो न बिल्कुल।पिछले दिनों तो आवाज़ से ही पता चल जा रहा था कि ठीक नहीं हो। थोड़ा कैम्पस में टहल आया करो मम्मी.....ध्यान रख के, मास्क लगा के निकलना.... बहुत ध्यान रखो भाई.. सब लोग... लापरवाही मत करो 😖😖
..
ये क्या है? पापा तो सबको घुसा ही ले रहे हैं घर में😡😡उस दिन वो कोरियर वाला ड्राइंग रूम में क्यों आया था? वो भी बिना मास्क के?
........
हम्मममम उनका यही हाल है... पर हम तो टोक देते हैं मास्क के लिए...........चाहे बुरा लगे या भला...लोग भी तो गजब हैं.... पता नही कितने निश्चिंत हैं..... घूम रहे हैं आराम से...कोई चिंता नहीं.... टोको तो जेब से निकाल के मास्क लगा लेंगे.... या गमछा लपेट लेंगे जैसे हमारे ऊपर एहसान कर रहे हैं 😡😡😡😡हद्द हो गई है अब तो....सीरियसली कोई लेता ही नहीं...

पर खुशनसीब हूँ .... मेरे बच्चे मुझे सीरीयसली लेते हैं.... मुझे समझते हैं......सिर्फ...चेहरा ही नहीं,आवाज भी दिल का आईना होती है और मेरे बच्चे मुझे पढ़ने में माहिर हो गए हैं 😊😊
....

Thursday, September 3, 2020

बेस्ट सेलर बनाम???

बेस्ट सेलर के चक्कर में पिछले साल पांच छः किताबें ऐसी खरीद ली थीं जिन्हें चार पांच पृष्ठ से ज्यादा पढ़ने के लिए हिम्मत जुटानी पड़ती...... और साल भर बीत गया आज तक फिर से उन्हें पलट के देखना भी नहीं चाहती...... मैं मानती हूं कि उन्हें भी बड़ी मेहनत(!) से लिखा गया होगा 😕पर.......... मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं आई.........अभी भी समझ में नहीं आ रहा कि बेस्ट सेलर मतलब क्या?? जो अभी तक प्रकाशित हो रही हैं हर बार नये कलेवर और नये कवर डिजाइन के साथ...... या झोंक के झोंक नये लेखकों की किताबें जो कभी कभी इतनी बिंदास, बेपरवाह और बोल्ड लिखने के चक्कर में अश्लीलता की सीमा पार कर जाती हैं.......गाली गलौज से भरे संवाद..... हद्द है........ उन्हें लाइब्रेरी में भी सबसे कोने की पिछली पंक्ति में छुपा कर रखना पड़ता है........ अभी दो साल पहले बडी़ चर्चित और बेस्ट सेलर सुन कर एक पुस्तक मंगाई थी......ताज्जुब है... अश्लील चित्रों से भरी...... (नाम नहीं लिखना चाहती, शायद उससे उनके पाठकों मे कोई कमी आये) पर सिर्फ एक बार पलट कर देखा गया और तुरंत लौटती डाक से वापस कर दिया बिना पढ़े......उसका पैसा भी बर्बाद ही गया........अब तो बेस्ट सेलर खरीदते समय ध्यान रखना पड़ेगा......... शायद बदलते हुए वक्त के हिसाब से हम थोड़ा देहाती और गंवार हैं 😞😞😞😞😒