कुछ अनकहे पल ..कुछ अनकही बातें ......कुछ अनकहे दर्द कुछ अनकहे सुख ......बहुत कुछ ऐसा जो सिर्फ महसूस किया .....किसी से बांटा नहीं . ...बस इतना ही .......
लिखिए अपनी भाषा में
Wednesday, April 27, 2022
इन दिनों
Monday, April 25, 2022
😔
कोरोना काल
😔😔
ये खाली खाली मन...
Sunday, April 24, 2022
हमारे पास...
Tuesday, April 19, 2022
पता नहीं क्यों...
पता नही क्यों
कुछ दिनों से मनकापुर की रातों में..
स्मृतियों की फिल्म कुछ ऐसे भागती है.... .
कि मैं सपनों में रात भर दौड़ लगाती रहती हूँ.......
पता नहीं सपनों में दौड़ लगाना कैसा होता है.....
पर सपनों में दौड़ पाना बहुत मुश्किल है....
पांव जकड़ से जाते हैं....
मुंह से आवाज भी नहीं निकलती...
चीखना चाहूं तो चीख गले में ही घुट के रह जाती है...
मुझे आजकल अपने बचपन के
बिछड़े दोस्तों की बहुत याद आती है ,
उनके साथ बिताए गए पल
अनगिनत लम्हे
मुझे उनमे से कई के चेहरे याद है तो कई के नाम.....
पर अक्सर होता यही है
कि हम जिन्हें याद रखना चाहते हैं बस वही चेहरे याद रहते हैं
कितना आसान है किसी को भूल जाना....
और शायद सबसे कठिन भी...
और सबसे पीड़ा दायक तो
यह सोचकर उदास होना है कि जब हमें सब भूल गए हैं
तो हम ही क्यों उन्हें याद कर कर के परेशान हैं ...
और याद करने से होगा भी क्या?
क्या वो जो बिछड़ गए हैं वो फिर कभी मिल पाएंगे?
इस दुनिया में सबसे मुश्किल काम है
किसी को याद रखना,
और
यह जानते हुए भी
कि अब हम उसकी स्मृतियों में शामिल नहीं हैं.....