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Wednesday, August 25, 2021

यूं ही

चोट लगते ही घाव भरने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है.....और एक वक़्त आता  है  जब उस चोट के नामों निशाँ तक मिट जाते हैं....और एक दिन जैसे की दुनिया का क्रम है आंसू सूख जाते हैं....जो बीत चुका है उसे बार बार याद करके हम सिर्फ खुद को दुखी ही कर सकते हैं.....समय कभी किसी के लिए नहीं रुकता..... .जो लोग या जो पल हमसे छूट गए हैं..... वो कभी वापस तो नहीं आ सकते , इस लिए बेहतर है कि हम भी  उसे भुला कर आगे बढ़ लें......चोटें तो लगा ही करती हैं...

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