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Tuesday, July 15, 2025

यादें

कुछ  साल पहले  हिन्द युग्म प्रकाशन की तरफ से कुछ लेखकों के उपन्यासों का बहुत प्रचार किया जा रहा था....तो उसी से प्रभावित होकर मैने कुछ किताबें मंगाई थी. करीब आठ पुस्तकें मंगाई थी, दो तीन को छोड़कर बाकी मुझे पसंद नही आईं.... एक पुस्तक थी....नाम लिखना  उचित नही लग रहा....जिसका जिक्र मैने किया है....बल्कि उसे देख कर तो शर्मिंदा हो उठी मैं कवर से लेकर अंदर तक कई. अश्लील फोटोज ...और उपन्यास का तो कहना ही क्या.........और इस पुस्तक पर इसके लेखक वगैरह ऐसा बढ़ चढ़ के बोल रहे थे और आधुनिक बन रहे थे कि क्या कहें?  

              खैर मुझे तो ये नई वाली हिन्दी और गाली गलौज से भरे उपन्यास बहुत बुरे लगते हैं....शैलेश से मैने ये बात कही... तो उन्होंने कहा आप वापस कर दैं .....मैने लौटती डाक से वापस कर दिया..मैने उन्हें  लिखा था  ...ये पुस्तक  मंगाने का अफसोस हो रहा है......मुझे लगा था कि सिर्फ कवर तक बात होगी तो किसी तरह बरदाश्त कर लिया जायेगा.... ये तो अश्लील किताबों की श्रेणी मे रखने लायक है......जितनी भी किताबें  आज तक खरीदीं या  कहीं से खरीद कर मंगवाईं....उन सभी को जो सम्मान और प्यार मेरी छोटी सी लाइब्रेरी में मिला है....उनमे ये कहीं नही ठहरती.....ऐसा लग रहा है कि बहुत सी सभ्य शालीन महिलाओं के बीच कोई असभ्य और बेशर्मी की हद तक नग्न स्त्री खड़ी हो गई हो.....मुझे अब इस पुस्तक को छुपा के रखना पड़ेगा.....इस से अच्छा है कि मै इसे वापस भेज दूं.....मुझे नहीं चाहिए......प्लीज़ अपना एड्रेस भेजो कि मै तुम्हे इसे कोरियर कर सकूं.....बुरा मत मानना.....पर सचमुच....मुझे बहुत ही अशोभनीय लगी...या मैं इतनी आधुनिक नहीं हो पाई हूं अभी तक.....

Monday, June 30, 2025

,,😔😔

वो लोग जो बिना किसी शर्त के आपको चाहते हैं.....

आपकी इज्जत करते हैं....

आपके हर अच्छे बुरे समय में आपके साथ रहे हैं...

उनका दिल न दुखाएं...वो कहेंगे कुछ नहीं  ..बस चुप हो जाएंगे 

वे फिर भी अच्छे बनें रहेंगे, सहृदय रहेंगे....

लेकिन वे फिर आपको कभी उसी नज़र से नहीं देख पाएंगे....

बस,

वे धीरे-धीरे दूर होने लगेंगे.... 

अगर आपके जीवन में भी कोई ऐसा इंसान है

जो बिना शर्त आपके साथ खड़ा रहा हो,

तो ध्यान दें,

ऐसे किसी इंसान को खो देना कोई मामूली बात नहीं होती,

और जब वो लोग आपके जीवन से चले जाते हैं,

तो वे सच में चले जाते हैं.......

और उनके जाने के बाद जो खालीपन रह जाता है,

वो आसानी से नहीं भरता.....



😔😔

जब आप किसी ऐसे इंसान को चोट पहुँचाते हैं 

जिसका दिल सच्चा और साफ होता है, 

तो उसका जवाब तुरंत या साफ़ तौर पर नहीं आता,

वो चिल्लाते नहीं, इल्ज़ाम नहीं लगाते, कोई हंगामा नहीं करते.....

ऐसा लगता है मानो कुछ हुआ ही नहीं..

लेकिन अंदर ही अंदर बहुत कुछ बदल जाता है,

बस एक चुप, धीरे-धीरे होने वाला एहसास कि 

अब वो भरोसा पहले जैसा नहीं रहा......

क्योंकि जब एक सच्चे दिल वाले इंसान का भरोसा टूटता है,

तो वो लौटकर नहीं आता.....

Friday, March 21, 2025

छूटता हुआ घर😞😞😞

घर और ज़मीन पचास साल से ज़्यादा एक मालिक बरदाश्त नहीं करते…ये अपना मालिक बदलते ही है

या यूँ कहिए 

आप घर नही बदलते,,घर बदलता है,,अपने मालिक,,

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हमारा ही मकान देखिए,जब हम यहां रहने आए उस समय इस घर का मालिक कोई  और था,फिर हम इसके नए मालिक बने .....जब ये बन रहा था,तब हमने  और हमारे बच्चों  ने कितनी प्लानिंग की थी,,किचन ऐसा बनेगा,,कैसी टाइल्स लगेंगी. ...बाथरुम की साइज ये होना चाहिए,, ड्राइंग रूम में ये सोफा अच्छा लगेगा,फ्रिज कौन सा लेना है ...एसी और पंखे किस कंपनी के होंगे ,ऐसे कितने ही सुझाव ,कितने ही प्लान किए गए थे ,,शान से घर का नाम रखा था."अपना घर" ताकि सभी स्वजनों  को अपना सा फील हो .....

मकान में जब रहने आए ,,तब सबके  चेहरे दमक रहे थे ,,गर्व से मेहमानों को दिखाया भी था,,मेहमानों ने कितनी प्रशंसा भी की थी....12 साल बिताए यहां...इतनी पॉजिटिव वेव्स  महसूस  होती  थींं यहां....यहां आना रहना मतलब बस सुकून....मनकापुर  से यहां आना ही त्योहार सा आभास देता था.....बारह साल से  हर होली  दिवाली  का सहचर रहा है  ये  घर..

          पर अब फिर से इस घर के  मालिक बदल रहे  हैं .....,आज सुबह से ही मन बहुत बोझिल सा था.......कचहरी  के कागजोंं पर आखिरी  दस्तखत करते हुए  ऐसा ही फील हुआ जैसे  कोई  जबरन कुछ छीन रहा हो हमसे......जैसे बेटी की विदाई  की हो आज.....

कुछ वर्षों बाद इसके मालिक बदल गए होगें,,

कोई और रहने आएंगे,फिर कोई और,,घर तब तक शायद बना रहेगा,

किसी की नए मालिक की तलाश में ,,

कहते है ,कोई भी जमीन 100 साल से ज्यादा किसी एक के पास नही रहती,,वह मालिक बदलती है,,।

आप इस भ्रम में मत रहिए कि घर जमीन के आप मालिक है,घर जमीन खुद बदलती है अपने मालिक......

और अब इसने फिर अपना मलिक बदल लिया है......

Monday, March 17, 2025

🙏

कभी कभी लगता है सुख चाहे मिलाये न मिलाये पर  दुःख हमेशा दो लोगों को एक साथ कर देता है....... 
शायद इसलिये ही दूर रहकर भी एक दूसरे का हाथ कसकर पकडे़ रहना चाहिए   कि कहीं कोई एक भी पीछे छूट जाये तो दूसरा उसे खींच कर साथ कर ले....... मन का एक -एक कोना बांट लेना चाहिए .. 
लेकिन अपना मन परत दर परत एक दूसरे के सामने खोल देना बहुत  मुश्किल होता है...
      अब तो बस यही इच्छा  है कि सब खूब खुश रहें हमेशा,
महादेव हमेशा हमारे  साथ खड़े रहें ........