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Wednesday, December 16, 2020

बस अब जाओ 2020😏😏

दिसम्बर की डायरी
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एक ख़ुशनुमा सी सुबह , 15 दिसंबर की । आज बिल्कुल भी कोहरा नहीं है.....  सिहरा देने वाली  सी हल्की-हल्की ठंडी हवा , आसमान की सीढ़ियाँ चढ़ता सूरज, पर धूप मे जरा भी आँच नहीं है.... , बस सुनहरा पीला रंग सा  बिखरा हुआ है...गुनगुनी सी, अच्छी लगती धूप । साफ़ सुथरा नीला आकाश, बादलों का कहीं अता पता भी नहीं.... मनकापुर की हरियाली का कोई जबाव नही है ।खूबसूरत मौसम में ये और भी खूबसूरत हो उठता है.... ऐसा मौसम और चारों तरफ शांति का वातावरण.... पता नहीं भविष्य में फिर ऐसे सुकून दायक पल मिलेंगे या नहीं.....पिछले आठ नौ महीनों से ऐसी बंधी बंधाई दिनचर्या चल रही है जैसे... कोल्हू के बैल की तरह नाक मुंह पर पट्टी बांधे बस एक धुरी पर घूमती जा रही हूँ बस......।सब कुछ अपने समय पर ही हो रहा है.... प्रकृति ने भीषण गर्मी भी दिखाई, बेतहाशा और निरंतर जलथल एक कर देने वाली बारिश भी और अब आजकल कुछ दिनों से सर्दी की प्रचंडता भी दिखाने को आतुर है..... सब कुछ अपनी मौज में बस बीतता जा रहा है.... और अब तो ऐसा महसूस होने लगा है जैसे हम जन्मों जन्मों से ऐसे ही रहते चले आ रहे हैं..... बेलौस और निश्चिंत..... और मैं ये भी महसूस कर रही हूँ कि हमारी जरूरतें कितनी सीमित हैं..... इसमें बहुत सी बातें न भी होतीं तो हमें शायद कोई फर्क नहीं पड़ता..... पर बहुत सी बातों बहुत से रिश्तों को हम ढो रहे हैं जैसे.....
                    मौजूदा साल अब अपने आख़िरी पड़ाव पर पहुंच चुका है , बहुत जल्द ही ये भी  अतीत के पन्नों में शामिल हो जाएगा । ये सोचकर  मन कभी खुश होता है और कभी अनमना । अच्छा हो या बुरा..... समय की ये खासियत है कि वो बीत ही जाता है..... ये दिन भी जैसे तैसे बीत ही गए..... बस मन टीस रहा है जैसे.....
         लगता है अभी-अभी तो आया था ये साल !  पलक झपकते ही गुज़र गया ! कुछ ही दिनों बाद नया साल आ जायेगा ।
         गुज़रते दिनों के साथ-साथ इस साल को विदा करते ......मन उदास है , हमेशा ही ऐसा होता है । विदा शब्द हमेशा कष्टप्रद होता है........ पीड़ा देता है.....उम्र और वक्त बढने के साथ साथ सबसे मोह भी बढ़ता जाता है.......  मोह कहाँ  बिसरा पाते हैं हम सब ? पर सोचने  से समय कब रूका है....वो तो प्रवाहित है..... और कैसा अनूठा अद्भुत प्रवाह है ये !
             साल जो व्यतीत होता जा रहा है  तो ज़ेहन में कितना कुछ उमड़ने लगा है , 
अब , दिसम्बर जा रहा है  तो याद करने बैठी हूँ कि इस बेदर्दी साल ने कितना कुछ छीना और क्या क्या दिया..... कुछ रिसते रहने वाले घाव... जिनके बारे में सोचने से भी सिहरन होती है.... बस भगवान् सब पर कृपा दृष्टि बनाए रखें.... सबका सुहाग बनाए रखें....जिसके पास जितना भी है, उसी में संतोष रखना सिखाएं...... सबकी गलतियों को क्षमा करें प्रभु.... सब शुभ शुभ हो यही विनती है आपसे 🙏🙏🙏🙏 सबको हिम्मत और धैर्य दो ईश्वर... आमीन.....
          अपना शहर , अपनी हवा , अपनी हरियाली अपने फल फूल और इन कुछ हरे भरे और कुछ सूख चले बेतरतीब पेड़ों पर बसे परिंदों तक से इस हद तक लगाव हो चला है कि अब यहां से जाना है सोच कर ही मन कैसा कैसा तो हो जाता है.......मन की संदूकची में बहुत कुछ बंद कर के साथ ले जाऊंगी यहां से.....  लगाव  तो मेरी अपनी खिडकी से दिखती  हरी भरी टहनियों, झूमते पेड़ों , रातरानी , और फूलों के पौधों से भी है.....  और मेरे कैनवास , ब्रश और रंगों से भी.... पर बेचारे इंतज़ार ही करते रहे कि इस साल भी उन्हें वक्त दूँ.... पर इतनी व्याकुलता और असमंजस की स्थिति रही इन दिनों कि मन स्थिर नहीं हो पाया....परिजनों की पीड़ा, बीमारी, मानसिक, शारीरिक और आर्थिक कठिनाइयों की सूची लंबी होती चली गई और मैं इन्हीं में आपाद मस्तक डूबी रही......और किसी ओर ध्यान ही नहीं गया.... पर कोई बात नहीं नए साल को वादा करती हूँ कि जो कुछ भी इन दिनों छूटा रहा है..... उसे पूरा करने की कोशिश ज़रूर करूंगी.....ईश्वर मेरे साथ हैं और मुझे पूरा यकीन है कि वो कभी मेरे साथ अन्याय नहीं होने देंगे.......आमीन
           ये साल सिर्फ बुरा और कष्ट देने वाला ही रहा है ऐसा नहीं है.....इस गुजरते हुए साल ने मुझे चिर प्रतीक्षित खुशियां भी दी हैं....मुझे मेरा सुंदर सा नाती भेंट किया है... मेरी बेटी इस साल माँ बनी....दुनिया के सबसे प्यारे बच्चे की माँ...अपनी तीसरी पीढ़ी देखने का गौरव मिला मुझे....और क्या चाहिए 😊😊😊😊
          याद तो बहुत आएगा ये साल ,  बुरे और अच्छे दोनों ही रूपों में.....कितने ही प्रिय हमारा साथ छोड़ गए पर बहुत से परम प्रिय हमें मिले और हमारे साथ जुड़े भी.........
          कोरोना ने बहुत कुछ सिखा दिया है.... तो कुछ बातों की असलियत भी सामने आ गई है.... अब कुछ ही दिन बाक़ी हैं इस वर्ष के जाने में.... , पर जो भी हैं एक -एक  पल  खुशगवार बीतें यही कामना है.....मुझे उम्मीद है कि जल्द ही एक सुबह जब हम सो के उठेंगे तो यही शुभ सूचना मिलेगी कि अब हम कोरोना वायरस से मुक्त हो चुके हैं और सब कुछ पहले जैसा ही सामान्य हो गया है..... दुनिया फिर से पहले की तरह खुशगवार हो उठी है.......🙏🙏🙏

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