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Saturday, September 11, 2010

वो ५ दिन







 हमारे  पास ..
सिर्फ ५ दिन ही तो थे वो.....

और हर दिन घंटों में

हर घंटा मिनटों में और 

हर मिनट सेकेंडों में बदलता जा रहा था.... 

और हर सेकेण्ड में कितने युग.......

समय जैसे ठहर गया था.....

या यूं  कहूँ ....................

भाग रहा था..............

.नहीं जानती......

मैंने गिन गिन के काटे थे वो  पल 

कितनी बार हनुमान चालीसा पढ़ी थी ................

बाहर रिसेपशन  में लगे हुए साई बाबा के चित्र के आगे कितना गिडगिड़ाई थी  ..........पर वे भी सिर्फ हमें मुस्कुराते हुए देखते रहे......शायद हमारे धैर्य की परीक्षा ले रहे थे....

भूलता नहीं..........

कितनी देर मन ही मन बाबा विश्वनाथ  के आगे बैठी रही थी

आप के जाने के आखिरी पल  तक मेरा यकीं  बना हुआ था माँ

मुझे लगा था  ........आप  कभी हम सबको  छोड़ के नहीं जा सकती हैं

मुझे लगा था हम सबका यकीं  आपको  दूसरी दुनिया से भी वापस ले आएगा.............

जागते हैं लोग बेहोशी की  कभी न टूटने वाली नींद  से भी ................

कितनी ही बार ऐसे किस्से सुने हैं  ......................

कितनी उम्मीद लगा रखी थी कि कुछ ऐसा ही चमत्कार हो जाये हमारे साथ भी......................

डॉक्टर ने भी कहा था..............

पर कुछ नहीं हुआ.....
.
सभी की प्रार्थनाये बेकार हो गईं........

किसी भी देवता को तरस नहीं आया हम पर........

सब  बैठे  रहे...अपनी  अपनी  आस्था और विश्वास के साथ .....
आप कहीं नहीं जा सकतीं.......जरूर लौट आएँगी ये सोच कर   ................

कितनी बार आपका  हाथ पकड़ कर सहलाया .............झकझोरा था.....ऑक्सीजन मास्क से ढका हुआ चेहरा .......सूजी हुई आँखें जो एक समय में बेहद खूबसूरत कही जाती थीं.....बंद थीं......आज भी जेहन में बिलकुल ताज़ा है.....वो मशीन जो हर पल दिल के धड़कने और ब्लड  प्रेशर के ऊपर नीचे होने की सूचना दे रही थी...आज भी उस आवाज से डर लगता है....(मम्मी के कराहने की आवाज के साथ उस मशीन की भयानक आवाज .......उफ्फ्फ्फफ्फ़ .......)......

आपके  कानो में की .थी, .................नहीं जाने की ....................... गुजारिश..................बहुत  सी बाते मन में ही रह गई  और मन में ही रह जाएँगी हमेशा के लिए .......................

वो सारी बातें जो कभी किसी से  .............जिंदगी में नहीं कही..........अब किस से कहूँगी ..???/

क्या आपने कुछ भी सुना होगा माँ?

पता भी नहीं चला......आप कब चली गईं......

आप  ऐसे ही क्यों  चली गई थी ???

 ................किसी को कुछ भी कहे बिना...............

 मैं महसूस कर सकती हूँ कि  क्या और कैसा  लगा मुझे............

बार बार लग  रहा  था.........  .कुछ नहीं होगा....

.कुछ अरसा  लगेगा ................  .. फिर सब कुछ पहले   जैसा   हो   जायेगा  .....

मगर  कहीं मन   में खटक    रहा    था   ..................मैं जानती  थी.................

कि अब सब कुछ पहले   जैसा   कभी नहीं हो   पायेगा   .

ये नामुमकिन    है  ...................................

ये मन   सब कुछ पाकर     भी खाली     ही    रहेगा  ....
.
वो दिन  .........अब कभी वापस नहीं लौटेंगे..............................
  
 .....अब तो यही लगता  ज़िन्दगी के कैलेण्डर  में से गुज़रे  हुए  वो 5  दिन  .............कहीं  खो  जाएँ ...........    

और मैं सब कुछ फिर से ठीक  कर लूं ......  

 जब आप मौत   और ज़िन्दगी के दरम्यान     थीं     ....
  
और डाक्टर   भी बहुत पुर उम्मीद       नहीं थे......... 

ये सह सकने लायक बात नहीं थी न .....

कम  से  कम  मेरे  लिए  तो  नहीं .....

मैंने  बहुत  कम  अरसे  में आपको  और  पापा जी   को , दोनों    
को  खोया  है ......न .....

वो  मैं  ज्यादा  अच्छी  तरह  जान   सकती  हूँ

अब  अफ़सोस  होता  है  कि  क्यों  अपनी  ज़िन्दगी  में   

इतना  व्यस्त  रही  कि  आप  लोगो  को  बिलकुल   

समय  नहीं  दे  पाई ...

आज  जब आप  लोग  नहीं  हैं  तो  हाथ  मलने  के   सिवा  कोई  चारा  नहीं

हम  अपनी  व्यस्त  जिंदगी  में  कई  चीजो  को  समय  नहीं  दे पाते    हैं

जिसका  अफ़सोस  हमें  पूरी  जिंदगी  रहता  है ,.हमेशा रुलाता है


सोचती  हूँ कि ..................काश   थोडा  समय  का   
पहिया  वापस  घूम  जाता  ............

तो  सारी  गलतियों  के  लिए  माफ़ी  मांग  लेती .......

.मुझे तो याद भी नहीं कि आखिरी बार कब आपसे लिपट के रोई हूँगी ......

 आप क्यों चली  गई   ???............

सभी को कितनी जरूरत है आपकी  ...................क्या करूँ..................

मुझे लगता है वहाँ से कोई वापस नहीं आता..........

फिर आप  लोग कैसे  आयेंगे       

अभी तो कितने काम करने थे आपको...................

हमें कुछ भी तो नहीं मालूम    .......कैसे करेंगे     
........हम लोग सब कुछ...... 

इनमे  से किसी भी सवाल  का जबाब  नहीं है हमारे पास.....

काश के आप लौट आयें फिर से..........

...

8 comments:

  1. Maya ke Jaal me Jeev aur Jeevn easa fansa aur jakda hai ki apno se alag hona bardast nahi kar pata, fir 'Maan' se bada to is bramhand me kuch bhi nahin hai. Sabdon ke dwara ukeri us lamhe ki kashmakah aur asamarthyata ka jivant bodh hai lekhan men. Samay ne ya youn kahen to 'Maan' ne alvida kah kar ab tumehn self depend 'Maan' ka darza dekar tumhare apno ko ab kewal tumhara dependet bana diya hai. Achcha hai aur Likho aur...

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  2. Us parampita parmeshwar ki anukampa hoti hai jo ham chahein wo poori ho jaye...shayad aap hamse jyada jarurat, nana ji ko nani ji ki hogi , tabhi to unhone unhe bulaya hai...ham to yahan fir bhi is maya sansaar me lipt hain, jisme rishton ko samay dene ka samay ab utna nahi raha...lekin ham bhi in responsbilities ki aisee bediyon me bandhein hain ki jinse door ho pana hamare hath me nahi hai...aapne samay nahi diya aisee baat nahi hai...aap apni jimmedariyan nibha rahi thi...Ek peedhi se dusri Peedhi me aage jane par hamein kai baar un cheejon ke sath compromise karna padta hai jinke baare me hamne kabhi bhi nahi socha hota hai...Jindagi bahut khatte meethe anubhav karati hai...Aaj Nani ji hamare beech me ek meetha anubhav hain aur wo hamari yaadon me hamesha jeevit hain...

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  3. mammy kuch nai hai kahne ko...
    bas jo mere dimaag me hai, tumne usko paper pe likh diya hai jaise.. vo Sai Baba se meine b bahot bheekh manngi thi mammu..
    per kuch nai hua..
    zada kuch likh nahi paa rahi hu, rone ki vajah se letter dikh nahi nahi rahe hai..
    Bas karti hu..

    BETU..

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  4. hmmmmm.....sahi hai......udaas mat ho beta....

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  5. किसी अपने की मौत जब आखों के सामने होती है तो हमें मह्सूस होता है के हुम उस परमात्मा के सामने कितने लाचार है..

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  6. speechless.... bas itna pta hai ke har bacche ke liye apni maa ko khone ka dard sabse bda hota hai.. :'( :'(

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  7. no words....aunty aapke words me itni feelings hain k ispe koi comment nai kar sakte.......ye ek kadwa sach hai.....kash aisa ho sakta...bagwan kare k ye din kisi ki jindgi me kabhi na aata........

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  8. awsome lines...............

    m speechless..........!!

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