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Saturday, June 5, 2021

लाक डाउन डेज़...

पता नही, आज कल मेरा तो मन ही नहीं लग रहा पढने में...ना चित्र बनाने में, ना और कुछ करने में भी..... अजीब सी हताशा जैसी छाई रहती है..... .. चार छः पेज पढने  के बाद बस मन उचट सा जाता है.....इस समय अपनी दिन चर्या से घोर असंतुष्ट हूँ.... जो मेरा सर्वाधिक मन पसंद कार्य है उसे ही बिल्कुल समय नहीं दे पा रही.... दो तीन कैनवस ईजल पर इंतजार कर रहे हैं रंगे जाने का..... देखो कब तक..... 
सबके मन का पंछी खुली हवा में उड़ान भरने को बेकल है, जिसे देखो कहीं न कहीं घूमने की प्लानिंग में लगा है इस मौसम में, एक मैं हूँ, मेरे मन में  लॉक डाउन लगा हुआ है... एकदम कर्फ्यू लगा है.....  कहीं घूमने जाने की या घर से बाहर तक निकलने की कतई इच्छा नहीं हो रही। घर में बंद बंद... अब क्या समझूँ, पंछी को पिंजरे से प्रेम सा हो गया है??? .😒 😖😖😖😖

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