कुछ अनकहे पल ..कुछ अनकही बातें ......कुछ अनकहे दर्द कुछ अनकहे सुख ......बहुत कुछ ऐसा जो सिर्फ महसूस किया .....किसी से बांटा नहीं . ...बस इतना ही .......
लिखिए अपनी भाषा में
Wednesday, June 2, 2021
यादें
हमारा प्रिय "मधुबन"(एक समय में फाइन आर्ट्स कॉलेज और मंच कला संकाय वालों की अपनी कैंटीन... जो हमारे आदरणीय चंचल दाChanchal Bhu द्वारा उनके कार्यकाल में बनाई और बसाई गई थी) 😊😊😊अब"MADHUBAN CAFE " बेहद सुंदर बन गया है.... अब अनगिनत स्वादिष्ट व्यंजन मिलने लगे हैं..किसी भी बाहरी फैशनेबल रेस्तरां की बराबरी करते हुए... .पर वो पहले वाली मासूमियत और शान्ति अब नहीं रही.... अब वहां छोटी सी कैंटीन नही है... और एक रूपये के दो गर्मागर्म समोसे और पानी वाली खट्टी चटपटी चटनी और चमचम नहीं मिलते.... ..झुंडों में बैठे मुकेश और रफी के गाने गाते हुए फाइन आर्ट्स कॉलेज के छात्र नहीं दिखे☹️☹️ वो दिन नहीं रहे.... अब शायद हम भी तो वो नहीं रहे😢
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