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Wednesday, March 2, 2011

काश ऐसा होता...

काश ऐसा होता.....



               
          काश एक ऐसा लफ्ज़ है जो अपने आप में अधूरा है......और कभी पूरा होने की भी उम्मीद नहीं है............ इसके आगे कितना कुछ है जो जोड़ा जा सकता है..........यही सोच रही हूँ मैं कल से ही..आज एक इतनी बड़ी तमन्ना के पूरे होने की शुरूआत  है हमारे लिए....ऐसा सपना जो हर माँ बाप अपने बच्चो के लिए देखते हैं........एक ऐसा भविष्य जो खूब खूब सुखद और संतोषजनक हो....ऐसा जिसको पाने के बाद और कुछ ज्यादा पाने की इच्छा      न रहे.......ऐसा रास्ता जो सिर्फ खुशहाली और सम्पूर्णता के दरवाजे पर ले जाता हो......ऐसे रास्ते पर मेरी बहुत प्यारी बिटिया ने अपना पहला कदम रख दिया है.......भगवान्    उसकी   यात्रा    मंगलमय    करें    यही प्रार्थना    है ......एक सुखी    और संतुष्ट    माँ की प्रार्थना   .........

        कल  सुबह    बेटी   को  फ़ोन   मिलाया   सिर्फ यह   जानने  के लिए  की उसके इंटरव्यू   का क्या नतीजा  निकला .....या......क्या सूचना आई  ??........और प्रत्युत्तर में उसकी ख़ुशी से चीखती हुई आवाज सुनाई दी   की मम्मी मेरा सलेक्शन  हो गया ....तो  मैं बता  नहीं सकती  कि उस  पल  मुझे  क्या  महसूस  हुआ  .....आनंद  और भावावेश  से मेरा गला  रुंध  गया....मैं समझ  नहीं पा   रही थी  कि ये ख़ुशी मैं किसके   साथ बांटूं  ???........आज तक  यही होता रहा  है कि जब भी कोई  बहुत ख़ुशी का समाचार  हो तो सबसे पहले  ये बात  मैं मम्मी से शेयर  करती  थी .....ये पहला ऐसा अवसर  रहा  कि मेरे  साथ इतनी अच्छी  खबर  बांटने  के लिए मेरे  मम्मी  पापा  नहीं हैं........बहुत कमी महसूस हो रही है......सभी हैं..पर एक आतंरिक ख़ुशी जो वो लोग महसूस करते हम दोनों की तरह ही और कोई नहीं करेगा......कहते हैं न मूल से सूद ज्यादा प्यारा होता है...ये मैं अक्सर महसूस करती थी......जिस स्थान तक हम लोग नहीं  पहुँच पाए    उस   जगह   बच्चे   पहुँच जायें   यही    उम्मीद   रहती   है......अभी कितने ही काम करने के लिए बाकी हैं जिनमे मुझे सिर्फ मम्मी से ही मदद चाहिए थी.......उनकी जगह कोई नहीं ले सकता .......कोई ऐसा दीखता ही नहीं जो इतने निस्वार्थ भाव से ...............सिर्फ मेरे और मेरे बच्चों के लिए सोचता हो......जिसने  सिर्फ देना  ही जाना  है कभी  कुछ  लेने  का  वक़्त  आया  हो तो कितने संकोच  के साथ स्वीकार किया हो ये सिर्फ मैं जानती हूँ.....

             कितना ज्यादा शौक़  था  मम्मी को अपने बच्चों  को आगे   बढ़ते   हुए देखने का.....कुछ नया  और अनोखा  करते  देखने का........याद आता है बाबू जब  छोटा  था और .......दिन भर टीवी के सामने कार्टून  देखते रहना  चाहता  था.............तो नाना   और उसमे   कितनी झगडे   हुआ   करते थे   पापा जी दिन भर न्यूज़ सुनना   चाहते   थे... ...... .और बाबू कार्टून चैनल देखना   ......एक बार मैंने बाबू के अभिनय और गाने के शौक़ को देखते हुए मम्मी और पापा जी के सामने जिक्र  किया था  कि ...........बाबू को अगर टीवी .या सिनेमा लाइन में भेजा जाये तो कैसा रहेगा????....तो मम्मी का यही जबाब था कि उसको न्यूज़ रीडर  बनवाना  ताकि पापा जी जो हर समय न्यूज़ सुनते रहते हैं टीवी  पर वो बाबू को दिन भर देखा करेंगे......आज बाबू भी उस लाइन पर कदम बढ़ा चुके हैं.....शायद भविष्य में नानी का कहा पूरा भी हो जाये....टीवी भी वही   है  पर दिन भर न्यूज़ सुनने वाले चले गए   हैं.........और फिर  सबसे  ज्यादा अपनी  प्यारी बेटू को तरक्की  करते  हुए  देखने का........

                 मुझे याद है कि  जब बेटू का पासपोर्ट बन कर आया..तो उसने कितना उदास होकर मुझे   मेसेज  किया था की मम्मी मेरा पासपोर्ट बन कर आ गया..आज नाना नानी होते तो कितना खुश होते........बेटू को बाहर जाना है इस समाचार से मम्मी बहुत ज्यादा उत्साहित थीं.....  और वो ही बेटू की इन  उपलब्धियों को देखने के लिए आज हमारे साथ नहीं हैं.....मुझे पूरा  यकीन  है कि उनका  आशीर्वाद  हमेशा  हम सब  के  साथ है.......पर यही सोचती  हूँ कि काश  ऐसा होता के आज  वे  लोग हमारे  साथ  होते ........पर वही  है न कि काश  बहुत अधूरा  लफ्ज़  है......अपने   आप  में  शापित ........जो कभी पूरा नहीं होता...........

 








1 comment:

  1. Mammy bilkul mere dil ki baat likhi hai.. Kaash mein nana nani ko bata pati ki mera job lag gaya, nani to pagal ho jati khushi k maare .. Koi nai, vo sab dekh rahi hai, nana nani abhi b hai hamare sath ..

    Betu

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