लिखिए अपनी भाषा में

Monday, October 14, 2024

😢😢😢

इधर कुछ ड्रेसिंग सेन्स विकसित होता तब तक शरीर का मध्य देश ऐसा बेढब बेडौल विकसित हुआ कि अब नाप के कपड़े मिलना दुश्वार हो चला है.शरीर की चर्बी जलाना सैद्धांतिक रूप से जीवन की सर्वोच्च प्राथमिकता है लेकिन कहते हैं कि स्वर्ग का रास्ता सदिच्छाओं से पटा  पड़ा है ऐसे ही तमाम सदिच्छाओं के बावजूद मनुष्य के पेट के रास्ते में ठसाठस चर्बी भरी पड़ी है.

            अब कम न कर पाने की बेबसी में जीना तो मुल्तवी नहीं किया जा सकता लिहाज़ा थोड़ी झेंप से ही अपनी तमाम कमियों के बावजूद  जिए जा रहे हैं l

No comments:

Post a Comment