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Monday, March 14, 2022

शौक अपने अपने

मुझे लिपस्टिक लगाने, मेकअप करने, डाई करने से हमेशा से संकोच रहा। अपनी ही सूरत अनजानी और अजीब सी लगती है। दूसरा.... मेकअप पतिदेव को भी कतई पसंद नहीं हैं। उनकी पसन्द का ख़याल करते भी कभी मेकअप या लिपस्टिक लगाने का मन नहीं बना। शादी ब्याह , उत्सवों तक में सारी सजधज चूड़ी, साड़ी के बावजूद, लीपापोती में ही  कंजूसी ही बरती गई । सभी बचपन से ही कहते थे"चुन्नू की बिटिया बड़ी गुनी है, सुघड़ है , देखने में सुन्दर है बस्स तनी रंग दबा है.... मालती  पर पड़ा है।" सांवले रंग पर नक़ली रंग चढ़ाने से अलिप्त रहना ही बेहतर लगा। गनीमत है मेरी बिटिया - बहू साफ रंग की हैं....... बिटिया के बहुत जिद करने और साथी अध्यापिकाओं के रंगे-पुते  दिखते रहने पर भी मुझ पर कभी कोई असर नहीं पड़ा....कॉलेज टाइम से अब तक सिर्फ सुंदर पेस्टल शेड्स की नेलपॉलिश का शौक अब तक बरकरार है.... पर इधर कुछ दिनों से जब उम्र गुज़र चली है तो अब फेशियल कराने, हेयर कटिंग कराने, एंटी एजिंग सीरम लगाने, बालों में मेंहदी लगाने, पर्ल ज्वेलरी और डिजाइनर कंगन खरीदने की ख़ब्त चढ़ी है। चुन -चुनकर रंग ख़रीदने का और मौक़े -बेमौक़े लिपस्टिक का इस्तेमाल करने का भी मन हो रहा है। (बूढ़ मुंहां मुंहासे) यह ख़ब्त कितने दिन रहेगी  मालूम नहीं।😖😖😖😖😖😖

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