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Sunday, February 17, 2013

कुछ भी नहीं कहने को ...........



ज़िन्दगी
 इन दिनों     कुछ     अजीब सी हो गई है............
कुछ बाते हैं , जो पीछा नहीं छोड़ रहीं …..
उस भंवर से   ...अपने आपको ....निकाल   नहीं पा रही हूँ .......
बार बार वे ही बातें घूम फिर कर सामने आ खड़ी होती हैं .........
पता नहीं ........मैं इतना कमजोर कैसे हो जाती हूँ .......कभी कभी ….

क्यों नहीं  ......सबकी तरह मैं भी उल्टा जवाब दे पाती ??

शायद ये संस्कारों का असर है …..
कभी सीखा ही नहीं ….
मुझे भी कितने जवाब सूझते हैं पर ….
वक़्त गुजर जाने के बाद ….
क्या     करूँ       ?? .......मैं ऐसी ही हूँ ….
  शायद       सब की ज़िन्दगी में ऐसे लम्हे आते   होंगे  न .....
जब इंसान मजबूर हो जाता है ..

हम किसी के लिए अच्छा करते हैं
या अच्छा सोचते हैं
तो उन को एहसास क्यों नहीं होता .???

लोग साथ क्यों छोड़ देते हैं ?
रिश्तो की इज्जत करना भूल क्यों जाते हैं ?

ईर्ष्या........जैसी भावना इतनी प्रबल क्यों हो उठती है.??
कि सारी अच्छाइयों को ढँक लेती है ?


यही सब सवाल हैं ..
और हम सब
इसकी कीमत चुका रहे हैं …...
अपना सेल्फ रेस्पेक्ट गँवा के ..हासिल क्या हुआ ?.
.
कहते हैं ज़िन्दगी कभी रूकती नहीं ..
पर मुझे लग रहा है ………
 ज़िन्दगी में समय और उम्र के अलावा सब कुछ ठहर सा गया है ………….
…….

अब तो जैसे ……….
किसी चीज में कोई रूचि ही नहीं रह गई..
किसी के लिए कुछ करने का मन ही नहीं होता.....
फिर वही साये पीछा सा करने लगते हैं ……

कोशिश कर रही हूँ      इस मनः स्थिति से दूर निकलूँ ….…...

अभी कहीं पढ़ा था …..
जो तुम्हारे पीछे बोलता है उसे बोलने दो …
क्यों कि  वो उसी लायक है       कि   तुम्हारे पीछे ही रहे …..
उसे कभी इतनी तवज्जोह मत दो ...... कि वो तुम्हारे विचारों पर हावी हो सके …..

इस बात को अपने ऊपर लागू करने का प्रयास जारी है ….
शायद सफल भी हो जाऊं ……यही उम्मीद है ….
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6 comments:

  1. nice 1... khalipan me is tarah ki baatein dimag pe hawi rhtin hain....but... "उसे कभी इतनी तवज्जोह मत दो ...... कि वो तुम्हारे विचारों पर हावी हो सके ….."... bs yahi 1 sahi marg hai..

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  2. Bahot sundar mammy.. Jo tumhare pith piche baat karte hai.. Vo hamesha piche hi rahne layak hai.. :) sundar likha hai mammy.. Umdaa :)

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  3. isse khud ko jura hua mehsus kr rahi hu...aisa lga jaise apne mere maan ke baat likhi ho...bahot sunder likha h..

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  4. sahi likha h apne ma'am,zindagi me kai aise pal aate hain jb mann hota h ki hum b kyu ni palat k jawab de skte,but fir maa papa ki di hui seekh aur snskar samne ajate hain aur kehte hain ki pichhe se bolne walo pe dhyan na dekar bas apne raste chalte rho,logon ka toh kam hi h har safal hone wale se irshya krna..

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  5. पिछले २ सालों की तरह इस साल भी ब्लॉग बुलेटिन पर रश्मि प्रभा जी प्रस्तुत कर रही है अवलोकन २०१३ !!
    कई भागो में छपने वाली इस ख़ास बुलेटिन के अंतर्गत आपको सन २०१३ की कुछ चुनिन्दा पोस्टो को दोबारा पढने का मौका मिलेगा !
    ब्लॉग बुलेटिन के इस खास संस्करण के अंतर्गत आज की बुलेटिन प्रतिभाओं की कमी नहीं (30) मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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