अच्छा लगता है ....
.ये सोच कर ही .......
कि अब इतनी बड़ी दुनिया में
छोटा सा ही सही
जमीन का एक टुकड़ा
अब सिर्फ हमारा है.....
भले ही हमारी जमीन किसी की छत है
और हमारी छत किसी की जमीन है ......
पर आखिर है ....तो वो हमारी छत ..
और हमारी ही जमीन ....
अगर कोई हमारे सर पर रहता है .....
तो ये सोचना भी मजेदार है
कि हम भी तो किसी के सर पर बैठे हैं .......
हमारा घर ...... .जहाँ हम पूरे सुकून के साथ सांस भर कर कह सकते हैं
कि ये हमारा राज्य है ......हमारी सरकार है ,
यहाँ सिर्फ हमारे बनाये कानून ही माने जायेंगे ...... जहाँ किसी की बंदिशें या पाबंदियां नहीं चलेंगी .....
जो सिर्फ और सिर्फ हमारा है.......
.ये सोच कर ही .......
कि अब इतनी बड़ी दुनिया में
छोटा सा ही सही
जमीन का एक टुकड़ा
अब सिर्फ हमारा है.....
भले ही हमारी जमीन किसी की छत है
और हमारी छत किसी की जमीन है ......
पर आखिर है ....तो वो हमारी छत ..
और हमारी ही जमीन ....
अगर कोई हमारे सर पर रहता है .....
तो ये सोचना भी मजेदार है
कि हम भी तो किसी के सर पर बैठे हैं .......
हमारा घर ...... .जहाँ हम पूरे सुकून के साथ सांस भर कर कह सकते हैं
कि ये हमारा राज्य है ......हमारी सरकार है ,
यहाँ सिर्फ हमारे बनाये कानून ही माने जायेंगे ...... जहाँ किसी की बंदिशें या पाबंदियां नहीं चलेंगी .....
जो सिर्फ और सिर्फ हमारा है.......
ghar....Home sweet home....apna ghr toh sbse acha hota hai.
ReplyDeleteEk chidi ka Bachcha pyara,
ReplyDeleteChota sa ghar uska nyara,
ek divas.. vo bina vichare,
nikla ghar se pankh pasaare,
ghum ghaam kar ghar ko aaya,
sabko usne yeh batlaya,
dekh liya meine jag saraa,
apna ghar hai sabse pyaraa :)
Mammy.. zitna sundar likha hai, usse zada sundar ghar sajaya hai tumne..
Apna ghar, apna hi hota hai.. My Sweet home :)
bahut accha likhi ho didi
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