क्या हुआ??
ऐसे क्यों बोल रही हो??
सो रही हो क्या???
"तुम्हारी आवाज़ ठीक नहीं लग रही, तबियत सही नहीं क्या ? "
"नहीं नहीं बेटा... हम बिलकुल ठीक हैं "
"आवाज़ से तो नहीं लग रहा कि ठीक हो...आराम करो मम्मी और अपना ध्यान रखो "
कुछ दिक्कत लग रही हो तो फोन कर लो डॉक्टर साहब को.... दवा मंगा लो न.....
.......
दो तीन दिन बाद....
🤔🤔🤔🤔
"कैसी हो? "
"अभी भी पूरी तरह ठीक नहीं हैं बेटा... सुस्ती सी है...(चाहती हूँ कोई दुलार से ढाढस दे...करीब होने का एहसास दिलाए)
..
"आवाज़ से तो अब बिल्कुल ठीक लग रही हो, ज्यादा चिंता मत करो..ज्यादा सोचा मत करो.... बेकार की टेंशन लेती रहती हो.... अब तो ठीक हो न बिल्कुल।पिछले दिनों तो आवाज़ से ही पता चल जा रहा था कि ठीक नहीं हो। थोड़ा कैम्पस में टहल आया करो मम्मी.....ध्यान रख के, मास्क लगा के निकलना.... बहुत ध्यान रखो भाई.. सब लोग... लापरवाही मत करो 😖😖
..
ये क्या है? पापा तो सबको घुसा ही ले रहे हैं घर में😡😡उस दिन वो कोरियर वाला ड्राइंग रूम में क्यों आया था? वो भी बिना मास्क के?
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हम्मममम उनका यही हाल है... पर हम तो टोक देते हैं मास्क के लिए...........चाहे बुरा लगे या भला...लोग भी तो गजब हैं.... पता नही कितने निश्चिंत हैं..... घूम रहे हैं आराम से...कोई चिंता नहीं.... टोको तो जेब से निकाल के मास्क लगा लेंगे.... या गमछा लपेट लेंगे जैसे हमारे ऊपर एहसान कर रहे हैं 😡😡😡😡हद्द हो गई है अब तो....सीरियसली कोई लेता ही नहीं...
पर खुशनसीब हूँ .... मेरे बच्चे मुझे सीरीयसली लेते हैं.... मुझे समझते हैं......सिर्फ...चेहरा ही नहीं,आवाज भी दिल का आईना होती है और मेरे बच्चे मुझे पढ़ने में माहिर हो गए हैं 😊😊
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Ek dam Sach.. Mein aawaz aur chehra dono samajhti ho.. papa aur tumhara bhi..
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