महीनों के इंतजार के बाद और बेहद उत्साहित वातावरण के साथ बेटे का वैवाहिक कार्यक्रम समाप्त हुआ और गिने-चुने अतिथियों के जाने के बाद ...जब थोड़ा आराम करने के लिए सोचा तभी जैसे किसी की नजर सी लग गई.......पहले बिटिया और फिर मैं संक्रमित हो गए.... जब बुखार के बाद अचानक मुँह का स्वाद और सूंघने की शक्ति समाप्त हुई तो चिंता थोड़ी बढ़ गई। 5-7 दिन तक स्वाद, खुशबू, बदबू सब लापता थे। ऐसी स्थिति में घबराना स्वाभाविक है लेकिन अब यही सोचती हूँ कि सबसे पहली बात यह कि हमें बिल्कुल भी घबराना नहीं है, शांत रहना है। क्योंकि आगे चलकर हमें कई सारी चीज़ें परेशान करती हैं
सबसे पहले भूख ख़त्म हो जायेगी मुँह का स्वाद पहले ही चला जाता है ....
खानपान बहुत सीमित हो जायेगा.. मुझे तो खाने की कल्पना मात्र से उल्टी कर देने की इच्छा हो रही थी... जिसका सीधा प्रभाव आपके शरीर पर दिखाई देगा आपके गाल पिचकने लगेंगे आँखों में गड्ढे दिखेंगे जिससे अब आपको और घबराहट होगी लेकिन आपको अब भी नहीं घबराना है। यह सब इसलिए है क्योंकि आपके शरीर को जितना भोजन चाहिए आप उतना नहीं ले रहे हैं तो इसलिए आप ख़ूब खाइये जितना खा सकते हैं। सवाल आता है क्या खाना है? धरती पर जो भी खाने योग्य है अपनी-अपनी औकात और सुविधानुसार आप सब खा सकते हैं। शरीर में थकावट, कमज़ोरी दिखाई देगी इससे भी नहीं घबराना है यह कुछ समय रहेगी फिर ठीक हो जायेगी। नींद बहुत अधिक आयेगी तो जितना सो सकते हैं सोइये जितना ज़्यादा सोएंगे उतना ही कम सोचेंगे।मैने तो यही किया..... खूब सोई... सोने जगने मे जैसे कोई अंतर ही नहीं था.... या दवाओं की ड्राउजीनेस भी रही होगी....
ठंडी चीज़ों से थोड़ा परहेज़ करें यह भी ज़रूरी नहीं है कि हर वक़्त गर्म पानी पीना है आप नार्मल पानी पी सकते हैं। मैंने काढ़ा जैसा कुछ नहीं पिया बस चाय कभी दूध वाली कभी काली नींबू वाली चाय और सबमे सिर्फ अपना बनाया हुआ काढ़े नुमा चूर्ण आधा चम्मच बस...... । यह आपके ऊपर निर्भर करता हैकि आप क्या लें.... यदि सांस लेने में दिक्कत महसूस कर रहे हैं भारी-भारी सा लग रहा है तो कुछ देर इस ओर ध्यान न दें कुछ और सोचें फिर देखें अभी भी वही स्थिति है या सामान्य है..... यदि अब भी सांस लेने में ज्यादा दिक्कत है तो डॉक्टर से संम्पर्क करें।
गूगल, यूट्यूब, फेसबुक टीवी और नरेंद्र मोदी से उचित दूरी बना कर रखें। फ़िल्म देखें किताबें पढ़ें जो आपका मन करे वो हर काम करें। प्रेमी या प्रेमिका है तो उससे ख़ूब बातें करें। दूसरे लोगों से मशवरा कम लें ज़रूरत पड़ने पर ही डॉक्टर के पास जाएं।आज हर कोई डॉक्टर बना हुआ है..... सभी ज्ञान बांट रहे हैं.....
जैसा कि आप जानते हैं कोई भी बीमारी एक दिन में ठीक नहीं होती है इसलिए खुद को समय दें.... बहुत ज़्यादा न सोचें आप अंदर से खुद को जितना मज़बूत रखेंगे बीमारी इतनी ही जल्दी ठीक होगी। यदि मानसिक रूप से मजबूत नहीं हैं तो फेसबुक और टीवी और अखबार की डराने वाली खबरों से दूरी बना कर रख सकते हैं, क्योंकि उनका तो काम ही टीआरपी बढाने के लिए चीख चीख कर उन्माद पैदा करना......
यह मुमकिन नहीं है कि आप खाली लेटे हैं और आप कुछ न सोचें.... आप उस समय के बारे में सोचिए जो समय आपके जीवन में सबसे ज़्यादा खुशनुमा था। दोस्तों के साथ बिताए पल स्कूल, कॉलेज, ऑफिस की शरारतें। आप अपने अंदर खोजिए बहुत कुछ सकारात्मक है जो आपको मिल जायेगा। जो आपको बीमारी से लड़ने में मदद करेगा।ईश्वर का कोटिशः धन्यवाद, आप स्वस्थ हैं। 🙏🏻🙏🏻🌺🌺 मुझे लगता है कि महामारी भयानक तो है ही फिरभी लोग और हमारे चैनल हमें डरा अधिक रहे हैं, जो हमारी मानसिक अवस्था पर कुप्रभाव डाल रही है।मेरे घर कुछ दिन पहले मुझे, मेरी बेटी, दामाद, उसकी बहन,सभी संक्रमण के शिकार हुए.... सबको को बुखार आया, मेरे बेटे ने बिना प्रतीक्षा किए हमारे फैमिली डाक्टर के नोटिफिकेशन के अनुसार पूरा कोर्स कराया..... थोड़ी दिक्कत और टाइम लगा पर ईश्वर की कृपा से सभी अब स्वस्थ हैं।.
साँसों की ये जंग बड़ी डरावनी थी..सभी की कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट ले कर बहुत राहत मिली है... लेकिन इस हाहाकार से बेहद व्यथित हूँ .... इस मौत के तांडव में बहुत घबराहट है .... जीवन के लक्षण से नदारद इस फेसबुक को देख कर स्तब्ध और संज्ञाशून्य हो जाती हूँ .....फेसबुक पर से सभी डराने वाली पोस्ट और वीडियो डिलीट कर देती हूँ..... न वो दिखें न मुझे डराएं..... मैं बस वही देखूंगी जो मैं देखना चाहती हूँ....... हां मैं शुतुरमुर्ग हूँ... बस...
इस बीच खोने वाले मित्रों की सूची भी गड्डमड्ड हो रही ... जाने कितने इस बीच साथ छोड गए .... जीवन का पतझर धरती पर इस तरह देखूँगी सोचा न था ..... पलायन नहीं कर रही लेकिन बहुत बहुत बुरा महसूस कर रही हूँ ..... सभी बिछड़े मित्रों को हार्दिक श्रद्धाजंलि , सभी बीमार लोगों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की शुभकामनाएं और स्वस्थ लोगों को सुरक्षित रहने की दिल से दुआएँ ..
उस समय मैं खुद को मानसिक रूप से बहुत कमजोर और असहाय महसूस कर रही थी और अभी भी डरती हूँ .... रोज नियमित प्राणायाम करती हूँ...और हृदय से गायत्री मंत्र का जाप भी.... . और भगवान् से यही विनती करती हूँ कि सब पहले सा हो जाए.... अब रहम कर दो भगवान्.... बहुत हो गया ..... तुम तो सचमुच केवल तमाशा देख रहे हो.... इतने निष्ठुर मत बनो प्लीज 😢सब शुभ शुभ हो भगवान्..... सबकी रक्षा करो प्रभु...... इस कठिन समय से उबारो सबको.... रहम करो ईश्वर 🙏🙏🙏🙏कोई गलती हुई हो तो क्षमा करो सबको.....सभी देवी-देवताओं से गिड़गिड़ा कर विनती करती हूँ.... सबको स्वस्थ कर दो भगवान्...
फिर से सब पहले जैसा हो जाए...... बहुत हुआ अब 🙏🙏🙏
जिंदगी में वैक्यूम बन रहे हैं। बीमारी तो एक बहाना होती है। अपने और अपने आसपास के लोग जाकर एक खालीपन सा छोड़ कर जाते हैं।
किसी की दु:ख की घड़ी में
भले ही इन्सान कुछ भी न कर पाए
लेकिन फिर भी आकर , साथ खड़ा हो जाए उतना ही बहुत है.... उससे बड़ी हिम्मत बंधवाने की बात कोई और नहीं हो सकती..
. अंत में इतना याद रखिए संसार में कुछ भी ऐसा नहीं है जिसे आप जीत नहीं सकते। इसलिए हमें न घबराना है और न ही निराश होना है।
मुझे पूरा विश्वास है कि बहुत जल्दी ही सब ठीक हो जाएगा...... आमीन🙏🙏🙏🙏🙏🙏
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