बच्चों का दूर जाना जिस तरह आज हमें सताता है , ये बात याद दिलाता है कि जब हम अपने माँ पापा से दूर गए थे तो बिल्कुल ऐसे ही दर्द से वो लोग भी गुजरे होंगे । अपने कलेजे के टुकड़े कोई अपने से दूर नहीं भेजना चाहता है , पर दुनियां का यही दस्तूर है कि धान का पौधा अपना स्थान परिवर्तन नहीं करेगा तो पौधा कैसे बनेगा ।
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