कुछ मसरूफियत सी रही कई दिनों से ..
वक़्त ही नहीं मिला ,
अपने आप से मिलने का
कि दो चार गुफ्तगू करूँ बैठकर ....
.अपने आप से ....
आज हर कोई व्यस्त है ,
किसी न किसी काम में
मैं भी इसी दुनिया की बाशिंदा हूँ ,
और शायद व्यस्त भी .....
आज के दौर में औरों से तो मिल लेते हैं
हम
पर खुद अपने लिए ....
वक़्त निकलना बहुत मुश्किल होता है ..
कल कोशिश करूंगी कुछ और कहने की
कुछ और लिखने की....
बस ये दुआ करती हूँ
कि हर कोई मिलता रहे
अपने आप से ..बस ............
कुछ अनकहे पल ..कुछ अनकही बातें ......कुछ अनकहे दर्द कुछ अनकहे सुख ......बहुत कुछ ऐसा जो सिर्फ महसूस किया .....किसी से बांटा नहीं . ...बस इतना ही .......
लिखिए अपनी भाषा में
Saturday, October 17, 2020
🤔🤔
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