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Saturday, August 10, 2024

हम्म्म

बस इतनी सी प्रार्थना है तुमसे महादेव , कि जब भी जीवन में तुमसे बात करने आऊँ तो मेरी बात सुन लेना, मुस्कुरा देना और आंखों ही आंखों में कह देना कि, "जा मैं हूँ तेरे साथ" ..... 
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मैं नादान . . .
सब कुछ हार कर भी आसमान की ओर देखती हूँ,,
इस उम्मीद में ____ कि वहाँ कोई है,,
जो इक रोज  . . .
सब  कुछ  ठीक  कर  देगा....... 

वक्त  लगता है . . .
जीवन में कुछ करने के लिए,,
और जो वक्त से पहले करता है न,
वो कुछ वक्त के लिए  रह जाता है..... समय भाग रहा है . . .
और  साथ  साथ  हम  भी  भाग  रहे  हैं...... 

कभी कभी . . .
बारिश अकेले नहीं आती,,
वो अपने साथ ले लाती है . . .ढेर सारी यादें, आंसू ,
और अकेलापन 💔"
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 महादेव ये जिंदगी आपने दी है,,संभालोगे भी आप"
"आशा नहीं,,विश्वास है "हर मुश्किल से निकालोगे भी आप"।
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वो मेरी हर अनकही बातों को भी 
बड़े ध्यान से  . . .
'सुनता है............. 
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ओह ____
करीब पंद्रह वर्ष तो बीत चुके होंगे न इस तस्वीर को।
तस्वीर लेना भी जरूरी है . . .
क्योंकि कभी कभी बेवजह मुस्कुराने की वजह 
जो मिल जाती है ❤️
   💔

कभी कभी हमारे मन में क्या चल रहा होता है 
ये ठीक से हमें भी नहीं पता होता, 
बस कोई चाहिए . . .
जिसे बेझिझक सब बता सकें,,अच्छा या बुरा जो भी है . . .  पर नहीं है कोई जो समझ सके, और हमें सुनें
और सुनता जाए 💔
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कितने साल पर साल बीत जाते हैं न . . .
यह सोचते हुए कि बस कुछ वक़्त बाद सब सही होगा,        
पर असल में . . .
सब सही फिर कभी नहीं होता........... 
   💔 _________ 💔
ओह . . ये कैसे दिन है . . ये कैसी जिंदगी है,,
जो बस एक जैसी गुज़र रही है हर रोज़....... 
सब कुछ इतना ठहर सा क्यूँ गया है...... 
मैं इतना रुक सी क्यूँ गई हूँ........
न आगे ही बढ़ रही हूँ और न ही कुछ जी पा रही हूँ 
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बस तारीखें बदलने के अलावा . .
कुछ क्यूं नहीं बदल रहा है जीवन में।💔
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मैं ही क्यों सोचती रहती हूँ कि कहीं किसी को 
बुरा न लग जाए, 
और किसी को यह ख्याल . . .क्यों नहीं आता 
कि मुझे भी बुरा लग सकता है........... 

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