मेरा दिल तो इतनी बार टूटा … आए दिन टूटता है. कई बार ऐसा लगा कि बस्सस बहुत हो गया...अब आइंदा नहीं सुनूंगी या सहूंगी कुछ भी पर फिर भी तू तड़ाक या जवाब - सवाल करना न तो आया न मैने सीखना चाहा.... . . एक महिला ऐसी जिसका दिल उसके दोस्त , यार , घर बाहर सब तोड़ते चलते हैं… फिर भी वो ज़िंदा है.आराम से जिंदा है.....
कैसे… ??😝
किस मिट्टी की बनी है…
अपने भावुक और रोंदू स्वभाव की वजह से …
दूसरों को बहुत ज्यादा महत्व देने की वजह से …
नॉन डिजर्विँग कंडीडेट को भी सिर पर चढा लेने की वजह से
या
इस सोच की वजह से कि जैसी वो है, सामने वाले भी वैसे ही हों… वैसा ही सोचते हों.वैसा ही मानते हों.पर 90%बार ये सोच गलत ही साबित हो जाती है यार......
अब तो दिल इतना ठोस बन चुका है कि क़सम से … अब कोई असर ही नहीं होता... या मैं जाहिर ही नहीं होने देती.... . 🙏☺️
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