इस चित्र का यहां होना एक सुखद प्रेरणास्रोत है हमारे लिए.... कल एक परिचित के घर सांताक्रूज जाने के लिए हम जैसे ही पास के चौराहे पर पंहुचे.... ये अॉटो ड्राइवर सज्जन फौरन आ पंहुचे.. और बिना किसी पूछताछ के हमें सांताक्रूज वाकोला ले जाने को तैयार हो गये.... हमें उनकी बॉडी लैंग्वेज से ही अंदाजा हो गया था कि वे बेहद खुश हैं...पर क्यों खुश हैं ये पूछना थोड़ा निजी हो जाता.... इसलिए हम शांत रहे पर उनसे नहीं रहा गया....और बड़ी ही खुशी और उत्साह से उन्होंने बताया कि उनकी अॉटो का रजिस्ट्रेशन उसी समय हुआ था और जो आज ही शॉप से लाई गई है और उसकी सबसे पहली सवारी (बोहनी की) हम दोनों ही हैं.... अॉटो बिल्कुल ब्रैंड न्यू प्लास्टिक कवर से ढंकी चमाचम चमक रही थी.....अभी नं प्लेट भी नहीं थी..... नौ साल से अॉटो चला रहे उन सज्जन ने कल अपनी निजी अॉटो टैक्सी खरीद ली थी....30-35 मिनट के रास्ते में वो बड़े ही उत्साहित भाव से अपने कन्नड़ भाषी होने... बैंगलुरु में घर परिवार होने इत्यादि की बातें बताते चले गए...पेट्रोल पंप पर अपनी गाड़ी को पेट्रोल वाली बताते हुए उनके चेहरे पर जो संतोष और खुशी का भाव दिखाई दिया वो अभूतपूर्व था....हमको भी यही लग रहा था कि आज उनके अॉटो पर बैठ कर हमने उसका उद्घाटन किया है... वो सफल रहे.... नए साल में उनकी ये एक उपलब्धि है....... उनका एक स्वप्न रहा होगा, अपनी निजी अॉटो होना😊😊😊हमने उनके निर्धारित राशि से कुछ ज्यादा ही मूल्य दिया, ढेर सारी बधाई दी और एक चित्र भी लिया.....उनकी खुशी में सहभागी बनना बहुत अच्छा लगा..... पता है जीवन में फिर कभी उक्त सज्जन से मुलाकात नहीं होगी...पर शायद ये वाकया भूल नहीं पाएंगे 😇😇
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