आखिरकार १२ घंटे के सफर के बाद....लखनऊ लौट आई हूं....सुबह की बेहद ठंडी हवा....पर कोहरा बिल्कुल नहीं है...यही तसल्ली रही कि रास्ते भर कहीं कोहरा नहीं मिला.....बहुत आराम से घर तक आ गई......😊😊😊
कल गुड़गांव और दिल्ली के कोहरे से बहुत घबराहट हो रही थी.....ट्रेन का छूट जाना....फिर मेरा वॉल्वो से आने के लिए तैयार हो जाना....वो भी अकेले...दिल्ली से लखनऊ...वो भी रात भर का सफर.....ये सारी सिचुएशन ऐसी रही ...जिससे मैं बेहद घबराती हूं.....पर कितना अच्छा रहा सबकुछ......(हे भगवान !! मैं कितनी डरपोक हूं ....)
कुछ अनकहे पल ..कुछ अनकही बातें ......कुछ अनकहे दर्द कुछ अनकहे सुख ......बहुत कुछ ऐसा जो सिर्फ महसूस किया .....किसी से बांटा नहीं . ...बस इतना ही .......
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Saturday, January 9, 2021
9.1.16 😣😣😣
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