बेहद खुशगवार मूड में रही आज की होली....😊😊😊😊 कोई टेंशन नहीं...एक महीने से बाहर पतिदेव भी होली पर आ गए....😍😍 त्योहार पर जो चार छः व्यंजन बनाए वो भी हमारे स्वादानुसार काफी गजब के स्वादिष्ट बने....हल्की फुल्की तिलक लगाने भर वाली सूखी होली खेल भी ली गई....
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पर इस होली का समापन थोड़ा कष्टप्रद रहा...भोजन के उपरांत रसोई में जाते समय 🙁🙁... महज ठेस लग कर ऊंचा नीचा पांव पड़ जाने से इतनी भयंकर तरीके से नीचे गिरी हूं कि उफ्फ्फफफफफ 😢😢😢😢😢हाथ, पैर, पीठ, कमर सब का क्या हाल है ये तो अब कल सुबह ही पता चलेगा 😠😠😠😠 पर ये तो विश्वास हो चला है कि मोटा होना कई बार फायदेमंद (? ) भी है.... क्योंकि आज मेरी जगह कोई दुर्बल काया होती तो दो चार हड्डियाँ तो जरूर टूटी होतीं....पर सबसे ज्यादा चोट नाक पर लगी है.... जो सूज कर कुप्पा हो गई है (फूल कर कुप्पा कहने से अर्थ का अनर्थ हो जाता है) 😡😡😡😡
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. आज होली की शुभकामनाएं देने वालों में जरूर दो चार लोग ऐसे रहे हैं जिन्होंने दिल से शुभकामनाएं नहीं दीं... 😔😔😔......
कुछ अनकहे पल ..कुछ अनकही बातें ......कुछ अनकहे दर्द कुछ अनकहे सुख ......बहुत कुछ ऐसा जो सिर्फ महसूस किया .....किसी से बांटा नहीं . ...बस इतना ही .......
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Wednesday, March 10, 2021
होली (2020)
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