मन बहुत भारी भारी सा है.......सब कुछ जानते हुए भी कि जीवन का सत्य है ये फिर भी मन नहीं मानता...
आज भी मुझे नहीं लगता कि मेरा भाई अब मेरे साथ नहीं है.....
मैं उसको सदा महसूस करती हूं.....गहन प्रेम में ये अहसास बना ही रहता है......
उसकी याद हमेशा हमेशा दिल में रहेगी.....
जिन्दगी चलती रहती है .... पर भीतर कुछ है जो ठीक नहीं होता....... कुछ खोने की पीड़ा और मन का एक कोना खाली होना बड़ा अजीब सा अनुभव कराता है... बस व्यस्तता के बहाने उसका एहसास कम से कम करना ही ठीक रहता है.... पिछले साल आज के ही दिन मैने अपने भाई को खोया दिया था.....
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