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Monday, January 3, 2022

2021 का अंतिम दिन.


🙏 
    विगत दो वर्षों  से  खुशियां कम , और दुःख अधिक  आ रहे हैं  जीवन में....पता नहीं कैसा समय है ये.... 
  आज 31 दिसंबर  का सूर्य भी अस्त हो ही  गया....दो तीन दिनों की बेचैनी और उलझन का बहुत ही निर्मम अंत हुआ..... रात बीत चली है.... उसके साथ ही  2021 कहीं अतल गहराइयों में डूब  गया और बस रह गईं  हैं कुछ चीर डालने वाली धुंधली यादें.... यादें उनकी जो असमय ही चले गए ....इस साल कई अभिन्न लोगों ने साथ छोड़ दिया.… . कुछ अच्छी यादें भी रहेंगी इस साल की..... पर बुरी यादों की कसक लंबे समय तक बनी रहेगी.. 
           आज की सुबह हमारे लिए काला सूरज लेकर आई...आज  मैने अपने प्राणों से प्रिय सहोदर भाई को खो दिया.... विगत तीन चार सालों की अस्वस्थता के कारण वो बहुत परेशान था......उसकी तकलीफ़ देख कर जी उमड़ा आता था...पर उसका ये कष्ट कोई बाँट नहीं सका... परिस्थितियों से जकड़े हम बस दूर दूर बैठे तमाशा ही देखते रह गए..... बस उसके छोटे छोटे बच्चों का ख्याल दिल मरोड़ कर रख देता है...खैर धैर्य रखने के सिवा हम कुछ नही कर सकते...दिन भर में सैकड़ों बार हाथ जोड़कर याद करती हूँ भगवान को... क्षमा मांगती हूँ...... की गई और कभी न की गई  गलतियों के लिए भी... पर वो ध्यान नहीं दे रहे🙏🙏🙏🙏🙏बहुत हुआ..... जो कष्ट देने थे दे दिये अब बस  करो प्रभु..... 
मन..को दो मिनट के लिये कहीं और लगाने की कोशिश कर रही हूँ तो फिर खींच  कर वहीं ले जाता है जहाँ सब शून्य है..... जीवन का ऐसा रूप देख आत्मा कलपती है एक बार...... फिर दूसरे ही पल सोचती हूँ कि कैसे  मृत्यु सारे दुखों को एक साथ, एक झटके में खत्म कर देती है..... कोई मोह नहीं, कोई जिम्मेदारी नहीं....... जाने वाले तो चले जाते हैं पर जो पीछे छूट जाते हैं उनका क्या..... बच्चे असमय ही बड़े हो जाते हैं.... छोटे छोटे कंधों पर जिम्मेदारियों का बोझ लद जाता है.....
 भगवान मेरे भाई के बच्चों को, पिंकी को और हम सबको धैर्य और साहस दो..... अभी तो कुछ भी नहीं देखा उन्होंने.... जीवन जीने की शुरुआत ही की है बस....और ऐसे में इतने प्रिय और प्रेमिल पिता का साया सर से हट जाना, कितना तोड़ देता है इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है..... .
                आज तक   हर साल उसके जन्मदिन पर, वैवाहिक वर्षगांठ पर ढेरो शुभकामनाएं देती रही हूँ.....आज ईश्वर से बस यही प्रार्थना है.. बस प्रभु उसे अपने चरणों में स्थान दे दें....हमारे पास धैर्य रखने के अलावा और कुछ नहीं हैं.... जितना बन पडेगा हमसब साथ हैं... सबको स्वस्थ संपन्न रखो प्रभु ... सब पर  कृपा दृष्टि बनाए रखो बस..... हिम्मत दो सबको 🙏🙏
 2021...बस जाओ अब.... जाते जाते अपने संग .. पीड़ा, कष्ट, व्यथा, वेदना, संताप, संकट, क्लेश, शोक और यातना..... सब ले  जाओ... बहुत सह चुके सब🙏🙏🙏🙏अब सबको सुकून से रहने दो प्रभु......अब सब अच्छा अच्छा हो...सब शुभ शुभ हो...
बस इससे ज़्यादा की इच्छा  नहीं है...... मन बहुत बोझिल है....साल का अंतिम दिन बहुत कष्टप्रद रहा...
   चाहे सारी  उम्र  नंबर  मिलाते  रहेंगे, लेकिन अब उस नंबर पर वो कभी नहीं मिलेगा ,जिस से हम सचमुच  मिलना  चाहते  हैं........😢😢😢
(1-1-22)

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