हर छुट्टी के एक दिन पहले या शनिवार को यही सोचकर सोती हूँ कि कल सुबह धमाका कर दूँगी...... जरा भी आलस नहीं करूंगी........ सारे बकाया काम निपटा दूँगी जैसे:महीनों से बंद वाशिंग मशीन में सारे कपड़े धुल डालूंगी.......घर का कोना कोना चमका कर रख दूंगी..... . हफ्तों से बुकमार्क लगा कर रखी कोई किताब पढ़ कर ख़त्म कर दूँगी..... , ईजल पर लगी अधूरी पेंटिंग्स को पूरा कर डालूंगी....... कोई बढिया सी फिल्म भी देख लूंगी , इनसे-उनसे मिल लूँगी, उनको - उनको कॉल कर लूँगी, रेसिपी कलेक्शन देख कर या निशा मधुलिका से पूछकर कोई स्वादिष्ट सी डिश भी बनाऊँगी, सोमवार को स्कूल में जमा करने वाली टीचर्स डायरी भी तैयार कर लूँगी......... अधूरे पडे ब्लॉग के लिए लेख लिख डालूंगी .......बालों में मेंहदी लगाऊंगी..खूब फ्रेश मूड में दोपहर में दो घंटे सो भी लूंगी...... ये करूंगी वो करूंगी.......(और कुछ भी नहीं करती) 😉😉😉😉😉.. पर अफ़सोस! सारा रविवार पसरे हुए 😑😑सोते हुए या टीवी देखते हुए निकल जाता है........... अब इस उम्र में हॉस्टल लाइफ का आनंद 😂😂😂😂😂😂😂😂😂
है कोई मेरे जैसी आलसी नं वन??? हर समय थकी हुई बिना किसी काम के 😥😥😥😥😥😥हद ही हो गई है उफ्फ!!!!!!! 😟😟😟😟
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