ज़िन्दगी उस वक़्त कितने दुःख और तकलीफ से वाकिफ होती है ,जब हमारी दो अनमोल नेमतों... माँ और बाप में से कोई भी एक हमसे हमेशा के लिए छिन जाती है....यतीम हो जाने का ये ऐसा दुःख है कि दुनिया की कोई भी कलम इसे लिखने में समर्थ नही है.....इतने सालों से जिस सुन्दर चेहरे को देखती चली आ रही थी...अब १० साल उसे देखे बिना भी बिता चुकी और अभी कितने साल बिताने होंगे...ये सोच के ही जी उमड़ आता है......एक माँ अपने बच्चे को कितना प्यार करती है ये शायद ईश्वर भी नही जानता... ये जब स्वयं माँ बनी हूँ तब महसूस हुआ है...आज १० साल बीत गए हैं... अहसास ही नही हुआ..एक युग बीत गया है जैसे.....बड़ी ही उदास और बोझिल शाम थी जब वो हमें छोड़ के चली गईं..... सब भौचक्के से खड़े देखते रह गए....उनके जाने से कितनी जगहें खाली सी हो गई हैं....सिर्फ उनका न होना हमारे बीच बचा रह गया है....मम्मी इतनी जल्दी नही जाना था आपको.....समय के साथ साथ सभी धीरे धीरे सामंजस्य बैठा ही रहे हैं..और मै भी बीते हुए उन्ही लम्हों को ढूंढ रही हूँ...जो अब पहुँच से बाहर हैं.....और कभी नहीं लौट सकते 😢😢😢😢😢
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